बिलासपुर। छत्तीसगढ़ राज्य के बिलासपुर में संचालित अपोलो अस्पताल प्रबंधन पर FIR दर्ज की गई है।
मामला वर्ष 2006 में छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष पं. राजेन्द्र शुक्ल की मौत से जुड़ा हुआ बताया गया है। फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ नरेंद्र जान केम के खिलाफ भी जुर्म दर्ज किया गया है।
जांच में आरोपी के नाम, जन्मतिथि और पिता का नाम तक अलग-अलग पाए गए हैं। फर्जी डॉक्टर जॉन केम की गिरफ्तारी पहले ही मध्यप्रदेश के दमोह से हो चुकी है।
दरअसल, मध्यप्रदेश के दमोह के मिशन अस्पताल में 7 हार्ट पेशेंट की मौत का मामला सामने आया था। जांच हुई तो आरोपी डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ जॉन केम का बिलासपुर कनेक्शन सामने आया। बिलासपुर में भी ये कई लोगों की जान ले चुका है। इनमें सबसे बड़ा नाम छत्तीसगढ़ विधानसभा के पहले अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शुक्ल का भी है। राजेंद्र प्रसाद अविभाजित मध्यप्रदेश में भी विधानसभा अध्यक्ष रह चुके हैं। उनके बेटे प्रदीप शुक्ल ने ये आरोप लगाए हैं। डॉ. नरेंद्र तब बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में पदस्थ थे।
आरोप है कि आरोपी डॉक्टर ने फर्जी डिग्री के आधार पर इलाज किया और लापरवाही से मौत का कारण बना। स्व. राजेन्द्र शुक्ल के बेटे डॉक्टर प्रदीप शुक्ला की शिकायत के बाद IPC की धारा 420, 465, 466, 468, 471, 304, 34 के तहत मामला दर्ज किया गया।
FIR में अपोलो प्रबंधन को भी आरोपी बनाया गया है। आरोप है कि बिना दस्तावेज सत्यापन के अस्पताल प्रबंधन ने फर्जी डॉक्टर को भर्ती कर इलाज का मौका दिया। इसी से गंभीर लापरवाही हुई और मरीज की जान चली गई। पुलिस अब प्रबंधन की भूमिका की भी जांच कर रही है।
दिवंगत शुक्ल के बेटे का बयान सामने आने के बाद CMHO डॉ. प्रमोद तिवारी ने एक्शन लिया था। उन्होंने अपोलो अस्पताल प्रबंधन को नोटिस जारी किया। जवाब मांगा गया है कि, किस आधार पर डॉक्टर की नियुक्ति की गई थी। उसकी शैक्षणिक योग्यता से संबंधित दस्तावेज पेश करने को कहा है। साथ ही पूर्व विधानसभा अध्यक्ष समेत कई लोगों की मौत के मामले में डॉक्टर के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई थी। इस मामले में FIR के साथ स्वास्थ्य विभाग की भी जांच जारी है।
CG: डॉक्टर “डेथ”सहित अपोलो अस्पताल पर FIR दर्ज, जांच जारी
