0 जनपद सीईओ पूरे मामले में मौन जबकि अनुमोदन में किया है हस्ताक्षर
कोरबा-रजगामार। कोरबा आदिवासी जिले के कोरबा जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाला ग्राम पंचायत रजगामार राजनीति का अखाड़ा बन कर रह गया है। यहां पिछले तीन वर्षों से उप सरपंच वर्सेस सरपंच-सचिव की जो लड़ाई चल रही है, वह थमने का नाम नहीं ले रही।
इस पूरे मामले में जहां उपसरपंच का आरोप है कि सरपंच के द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से कार्य कराए जा रहे हैं और बिना अनुमोदन के राशि का आहरण भी हो रहा है तो वहीं दूसरी तरफ सरपंच ने इस पूरे आरोप को सिरे से खारिज कर दिया है। सरपंच पर पूर्व में एक करोड़ से अधिक की गड़बड़ी का आरोप लगा किंतु जांच में गड़बड़ी की रकम घट गई। मामला न्यायालय में विचाराधीन है और ऐसे में जबकि न्यायालय ने गुण-दोष के आधार पर कोई फैसला सरपंच के विरुद्ध अभी तक नहीं दिया है, उसके बावजूद सरपंच पर बार-बार दोषारोपण किया जाना और प्रशासन के द्वारा की जा रही कार्रवाई कि सीईओ के अनुमोदन बिना पंचायत के कार्यों के लिए राशि का आहरण पर रोक लगाना उप सरपंच के द्वारा बिना किसी पुष्ट जानकारी के गबन का आरोप लगाना आदि तरह के कृत्यों से आदिवासी महिला सरपंच न सिर्फ परेशान है बल्कि रजगामार पंचायत में विकास कार्य भी बाधित हो रहे हैं। इसे लेकर महिला सरपंच ने अपना पक्ष सामने रखा है।
0 उप सरपंच का है यह आरोप
ग्राम पंचायत रजगामार में कार्य के नाम पर लाखों रुपए का फर्जी तरीके से अफरा-तफरी करने का आरोप उपसरपंच जितेंद्र राठौर ने सरपंच, सचिव एवं विभागीय अधिकारी के ऊपर लगाया है। उप सरपंच ने कहा कि ग्राम पंचायत में जनपद सीईओ के बिना अनुमोदन के ही लाखों रुपए आहरण कर लिया गया, जबकि पूर्व में भी भ्रष्टाचार को लेकर जिला प्रशासन को अनेको बार पत्र लिखा गया उसके बावजूद भी सरपंच एवं सचिव पर कार्यवाही नहीं कर रही है। ग्राम पंचायत रजगामार में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कोरबा के अनुमोदन बिना राशि आहरण नहीं की जा सकती जबकि दिनांक 13 दिसंबर 24 मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कोरबा इंदिरा भगत का स्थानांतरण हो चुका था और इसी बीच लगभग 23 लाख रुपए आहरण भी कर लिया गया। आखिर किसका अनुमोदन कैसे मिला जो जॉच का विषय है। इस गंभीर मामले को उच्च अधिकारियों को संज्ञान में लेकर जांच करने की जरूरत है।
0 उपसरपंच के खिलाफ है पुलिन्दा,पर सुनता कोई नहीं
दूसरी तरफ सरपंच रामूला राठिया का कहना है कि अभी वर्तमान में जनता के मांग के अनुरूप निर्माण कार्य, साफ-सफाई, एवं पेयजल जनता के सुविधानुसार विभिन्न वार्डो में कराया गया है। जिसका राशि ग्राम पंचायत द्वारा विधिवत अनुमोदन पश्चात् आहरण किया गया है। कई कार्यों का स्टीमेट मुख्य कार्यपालन अधिकारी के निर्देश पर बनवाया गया है जिसमें एसडीओ एवं उप अभियंता व कार्यपालन अभियंता के द्वारा प्राक्कलन तैयार किया गया है। रजगामार पंचायत के विकास को रोकने के लिए विगत 3 वर्षों से लगातार उप सरपंच जितेंद्र राठौर के द्वारा कार्य किया जा रहा है जिससे जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ जनता में भी जितेंद्र राठौर के विरूध्द आक्रोश का माहौल है। विगत 10 सालों में उप सरपंच जितेंद्र राठौर के विरुद्ध रजगामार पंचायत के विकास कार्यों में भष्टाचार किए जाने के संबंध में लगातार शिकायत होते रही है। मेरे कार्यकाल में भी जितेंद्र राठौर ने मेरे जानकारी के बगैर कई प्रकार के भ्रष्टाचार किए हैं। इसके संबंध में मेरे द्वारा लगातार जिला प्रशासन सहित पुलिस प्रशासन को शिकायत भी किया गया है लेकिन मेरे शिकायत पर प्रशासन ने कोई संज्ञान नहीं लिया और जितेंद्र राठौर के विरुद्ध न कोई एफआईआर दर्ज किया गया है। मेरा फर्जी हस्ताक्षर करके जनपद पंचायत कोरबा से अग्रिम चेक भी प्राप्त किया गया था जिसका सूचना मेरे द्वारा रजगामार पुलिस चौकी और पुलिस अधीक्षक को दिया गया था लेकिन कोई जाँच कार्यवाही नहीं हुआ। मेरे द्वारा कई प्रमाण जितेन्द्र राठौर के दोषी व भष्टाचार से संबंधित शिकायत प्रशासन को तथ्य सहित दिया गया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं किया गया।
0 सरपंच का हाथ पकड़ा,कार्यवाही पंजी फाड़ने की कोशिश भी
कलेक्टर सहित अन्य को लिखे आवेदन में सरपंच ने बताया है कि दिनांक 13/08/2024 को ग्राम पंचायत रजगामार की बैठक आहूत किया गया था। उपसरपंच सहित महिला पंचो ने मेरा हाथ पकड़कर पंचायत भवन में बंद कर दिए थे। पंचायत के कार्यवाही पंजी फाड़ने की कोशिश किया गया जिसकी जानकारी मेरे और सचिव के द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी को भी दिया गया लेकिन हमें शांत रहते हुए कार्य करने को कहा गया। जितेंद्र राठौर प्रशासन के अधिकारियों से साठ गांठ करके अभी तक कार्यवाही से बचते आए हैं। उप सरपंच जितेंद्र राठौर के दवारा जिला प्रशासन को गुमराह करके रखा गया है। इनके झूठी शिकायत से ग्राम पंचायत रजगामार के छवि को धूमिल करके पूरे कोरबा जिला में रखा गया है। यदि जिला प्रशासन मेरे को अपनी बात रखने का अवसर दे दे तो जितेंद्र राठौर के द्वारा अपंजीकृत दूकानदार के खाते में पैसा ट्रान्सफर करवाया है उस पर बड़ी कार्यवाही हो सकती है। रजगामार क्षेत्र के जनपद सदस्य अंशु महिलाओं के द्वारा रजगामार पंचायत में जनपद व जिला पंचायत से स्वीकृत कई निर्माण कार्यों को निरस्त कराकर व्यक्तिगत स्वार्थ सिद्ध करने के लिए कमीशन खोरी करने की नियत से अन्य पंचायत में रजगामार के कार्यों को स्वीकृत करा दिया गया है। इस तरह से उनके द्वारा भी रजगामार के विकास कार्य को हमेशा रोकने का ही प्रयास किया गया है जो खुद भष्टाचार में डूबा हुआ है वह सबको अपनी तरह ही समझते हैं। जितेन्द्र राठौर के शिकायत पर जितनी जल्दी जाँच दल तैयार कर जॉच किया जाता है कभी हमारे जैसे आदिवासी महिला सरपंच के शिकायत पत्र में भी जाँच दल नियुक्त करके जॉच करते तो शायद भष्टाचार करने वाले जितेन्द्र रठौर जैसे लोग कार्यवाही से दूर नजर नहीं आते।
मेरे विरुदध प्रशासन कभी 15600079/- रुपये का भृष्टाचार का आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज कराकर वसूली का प्रकरण चलाया गया। अब प्रशासन स्वय कह रही है की 7205139/- बहत्तर लाख का भ्रष्टाचार हुआ है अब 7205139/- रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर मेरे विरुद्ध वसूली प्रकरण चला रही है जबकि हमारे ग्राम पंचायत रजगामार में बहुत से विकास कार्य 15वे वित्त मंद व मूलभूत मद से कराये गए है जिनका भौतिक सत्यापन तक प्रशासन नहीं कर रही है और सभी राशि को गबन मान रही है। प्रशासन बताये की फिर मेरे विरुदध जो जाँच व एफ. आई. आर पहले 15600079/- का भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाकर कराया था वह गलत था या अभी जो अधूरा जाँच हुआ है 7205139/- रुपये के गबन का मामला चलाया जा रहा है वह गलत है? मुझे वर्तमान में किये गए जाँच में अपना पक्ष रखने का मौका क्यों नहीं दिया गया? मैं पूर्ण रूप से निर्दोष हूँ। 16 माह बीत जाने के बाद भी पुलिस चालान कोर्ट में पेश नहीं कर पाई है ,उसका निर्णय आया ही नहीं और मेरे विरुदध वसूली का प्रकरण चलाया जा रहा है। एक अपराध पर दो कार्यवाही करने का संविधान में कोई जगह नहीं है उसके बाद भी एक प्रकरण में ही अलग-अलग कार्यवाही की जा रही है। माननीय उच्च न्यायालय से मुझे उक्त एफ.आई.आर में अग्रिम बेल दिया गया है, प्रशासन की निलंबन की कार्यवाही पर भी स्थगन मिला हुआ है। वर्तमान में मेरे विरुद्ध किये गए एफ.आई.आर. में निर्णय भी लंबित है, मामला वर्तमान में माननीय उच्च न्यायालय में लंबित है फिर भी प्रशासनिक दृष्टिकोण से प्रशासन द्वारा मेरे विरुद्ध प्रकरण चलाया जाना माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर का अवमानना होगा। अतः मेरे द्वारा कराये जा रहे ग्राम पंचायत रजगामार का विकास कार्य में अवरोधक बन रहे जितेन्द्र राठौर के विरुद्ध उचित कार्यवाही करते हुए मेरे पक्ष को भी सुनकर आवश्यक कार्यवाही करते हुए इनके द्वारा झूठा व मनगढंत शिकायत पत्र पर ध्यान न दिया जाये। उच्च न्यायलय और जिला सत्र न्यायलय का निर्णय के पूर्व मेरे विरुद्ध चलाये जा रहे समस्त प्रकरण पर रोक लगाने की कार्यवाही करने की कृपा करे ।