0 रजगामार पंचायत में अखिर कौन सी राजनीति हावी कि ठहरा है विकास
कोरबा। जिले के ग्राम पंचायत रजगामार में कराये गए कार्यों एवं स्वीकृत विकास कार्य का भुगतान को रोक कर आर्थिक रूप से परेशान कर प्रताड़ित किये जाने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही व निर्देश देने बावत आग्रह किया गया है।
जिला कलेक्टर, जिला सीईओ व जनपद पंचायत कोरबा के सीईओ को लिखे आवेदन में सरपंच श्रीमती रामूला राठिया ने कहा है कि ग्राम पंचायत रजगामार में सरपंच को प्राप्त अधिकार का हनन करते हुए जिला पंचायत कोरबा का आदेश क्रमांक 3980 / पंचा/ शिका./2024 दिनांक 29/08/24 को जारी आदेश में निर्देशित किया गया था की “ग्राम पंचायत द्वारा राशि का आहरण मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कोरबा के अनुमोदन उपरांत ही किया जावेगा” लेकिन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कोरबा किसी भी कार्य में अनुमोदन नहीं कर रही है। स्वीकृत आंगनबाड़ी भवन ओमपुर बस्ती और मेन क्लब ओमपुर में भोतिक स्थल पर सामग्री गिराने के बाद भी अग्रिम भुगतान हेतु चेक नहीं काटा जा रहा है। पूछे जाने पर क्या समस्या है तो कलेक्टर और जिला पंचायत कोरबा के सी.ई.ओ. साहब के द्वारा मौखिक रूप से मना किया गया है कहा जा रहा है, जिससे रजगामार के विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
इसी तरह ग्राम पंचायत रजगामार में स्वीकृत जिला खनिज न्यास मद और विधायक मद से कई निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है जिसमें 1. आहाता निर्माण कार्य ओमपुर स्टेडियम, 2. सी.सी. रोड निर्माण कार्य प्रमिला घर से गोविंदा घर तक, 3. सी.सी. रोड निर्माण कार्य मुख्य मार्ग से मुक्तिधाम तक, 4. ओमपुर साप्ताहिक बाजार में सेड सह चबूतरा निर्माण कार्य, 5. राम जानकी मंदिर के पास चबूतरा सह अहाता निर्माण कार्य, महादेव घाट शांतिनगर में सीढ़ीनुमा पचरी निर्माण कार्य, नाली निर्माण कार्य, सिटी बस स्टाप ओमपुर से शालिक राम घर की ओर, नाली निर्माण कार्य श्यामनगर रजगामार में पूर्ण किये विगत 3 वर्ष हो चुके हैं लेकिन उनका भुगतान भी मुझे ( सरपंच को) प्रताड़ित करने की नि
नीयत से रोका गया है जिससे मुझे (सरपंच को) आर्थिक परेशानियों से जूझना पड़ रहा है।
सरपंच ने अधिकारियों को अवगत कराना चाहा है कि उसके विरुद्ध पूर्व में प्रशासन ने मनगढ़ंत झूठा व फर्जी एफ.आई.आर कराकर आर्थिक अनियमितता का आरोप लगाया जिसमें उच्च न्यायलय बिलासपुर से अग्रिम जमानत मिला हुआ है। उसके पशचात उसके विरुद्ध निलंबन की कार्यवाही भी प्रशासन के द्वारा दुर्भावनावश किया गया, उस प्रकरण के विरुद्ध भी उच्च न्यायलय बिलासपुर से स्थगन मिला हुआ है। उसके पश्चात धारा 92 व धारा 40 में नियम विरुद्ध की जा रही कार्यवाही में भी न्यायालय सम्भाग आयुक्त बिलासपुर से स्थगन मिला हुआ है। उसके बावजूद ग्राम पंचायत रजगामार में कराये गए निर्माण कार्यों का भुगतान प्रशासनिक दबाव में रोके जाने से आदिवासी महिला सरपंच प्रताड़ित है।
0 रजगामार पंचायत ही क्यों….?
मामले में सरपंच रामूला राठिया और उसके समर्थकों का भी सवाल है कि आखिर रजगामार पंचायत को ही इतना टारगेट में क्यों रखा गया है? जिले के और भी पंचायत में इस तरह की अनेक शिकायतें और उनकी जांच लंबित है किंतु एकमात्र रजगामार पंचायत के ही विकास को अवरुद्ध करने की मंशा समझ से परे है। आखिर पर्दे के पीछे से कौन रजगामार पंचायत में राजनीति करने के साथ-साथ विकास कार्यों को अवरुद्ध करके यहां की जनता की सुविधाओं के प्रशस्त होने वाले मार्ग को अवरुद्ध करना चाह रहा है?
अतः आपसे निवेदन है की ग्राम पंचायत रजगामार में मेरे द्वारा उपरोक्त निर्माण कार्यों का पूर्ण कर लिया गया है जिसका भुगतान करने और उक्त आदेश में ग्राम पंचायत रजगामार के राशि आहरण करने पर पबंध लगाये गए है जिन्हें समाप्त करने हेतु निर्देश देने की कृपा करे।