👉🏻 कोरबा रेंज में तालाब निर्माण घोटाला की जांच में लीपापोती
कोरबा। कैम्पा मद से तालाब निर्माण में भ्रष्टाचार की जांच कराने की मांग पर जांच तो शुरू की गई लेकिन जिम्मा उसी को सौंपा गया जिस पर आरोप है।
जिले के कोरबा वन मंडल के अंतर्गत छत्तीसगढ़ शासन वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के माध्यम से तालाब निर्माण का कार्य स्वीकृत किया गया। वन परिक्षेत्र कोरबा के अंतर्गत ग्राम पंचायत नकटीखार में बांस बाड़ी के पीछे और मेडिकल कॉलेज झगरहा के सामने तालाब का निर्माण वन परिक्षेत्र अधिकारी कोरबा के द्वारा कराया गया है। 23 लाख 55 हजार 625 रुपए की लागत से वर्ष-2024-25 में निर्मित कराये गये इन तालाबों में भारी भ्रष्टाचार की जानकारी होने पर जिला पंचायत सदस्य व सभापति(वन विभाग) सावित्री अजय कंवर ने शिकायत कर जांच की मांग की। पूर्व में भी वन विभाग के भ्रष्टाचार सामने आते रहे हैं। इस कड़ी में ग्राम नकटीखार में पूर्व निर्मित नाला का उपयोग करते हुए उसे तालाब में तब्दील कर बमुश्किल 5 से 6 लाख रुपए खर्च कराया गया और शेष राशि की बंदरबांट कर ली गयी। कोरबा वन परिक्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2024-25 में स्वीकृत व निर्मित तालाबों के भ्रष्टाचार के संबंध में यथोचित जांच पृथक टीम से कराने एवं पूरी जांच और पाये गये तथ्यों से अवगत कराते हुए दोषियों पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करने सम्बन्धी पत्र पर जांच आगे तो बढ़ी लेकिन सन्देहास्पद तरीक़े से।
👉🏻 रेंजर पर आरोप,जांच भी वही कर रहे
इस मामले में आरोप कोरबा रेंजर पर लगा है और मृत्युंजय शर्मा रेंजर हैं। यह आश्चर्य की बात है कि जांच भी वे ही कर रहे हैं और शिकायतकर्ता को उपस्थित होने का पत्र भी वे ही जारी किए। रेंजर पर आरोप लगा है और जांच में वे लीपापोती कर रहे हैं। मौका स्थल पर पहुंचीं सावित्री अजय कंवर ने पाया कि तालाब में इतनी बड़ी रकम खर्च ही नहीं की गई, जितना बताया जा रहा है। बिल्ली से दूध की रखवाली कराने की तर्ज पर वन अधिकारी आंख मूंदकर कुछ भी होने दे रहे हैं। आखिर आरोपी क्यों कर अपने विरुद्ध जांच को सही होने देगा ! अभी तक की जो भी जांच हुई है,उसे दोषपूर्ण कहना गलत नहीं होगा।



