कोरबा। शहर की धार्मिक संस्था श्री श्याम मित्र मंडल समिति का चुनाव को लेकर मामला हाईकोर्ट में ले जाया गया है। हाई कोर्ट के न्यायाधीश अमितेंद्र किशोर प्रसाद ने एक अन्य रिट याचिका क्रमांक 5083/2024 पर सुनवाई करते हुए प्रतिवादियों में से एक पंजीयक, फर्म्स एवं सोसायटी, रायपुर को आदेशित किये हैं कि 60 दिन के भीतर लंबित आवेदन का निराकरण करें।
न्यायालय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक याचिकाकर्ता कोरबा निवासी सचिन कुमार सिंघल 32 वर्ष, मुकेश कुमार अग्रवाल 54 वर्ष, धीरज अग्रवाल 47 वर्ष के द्वारा हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की गई।
प्रतिवादियों छत्तीसगढ़ राज्य सरकार सचिव व्यापार और उद्योग विभाग, महानदी भवन, अटल नगर, नया रायपुर, 2 – रजिस्ट्रार फर्म और सोसायटी रायपुर, 3 – सहायक रजिस्ट्रार फर्म और सोसायटी, बिलासपुर, 4 – श्री श्याम मित्र मंडल सोसायटी कोरबा अपने अध्यक्ष
रोहिणी सुल्तानिया के माध्यम से, 5 – विमल मोदी सचिव श्री श्याम मित्र मंडल सोसायटी कोरबा, 6 – मनोज अग्रवाल (मन्नी) कोषाध्यक्ष, श्री श्याम मित्र मंडल सोसायटी को पार्टी बनाया है।
याचिकाकर्ताओं ने अपने अधिवक्ता हर्षवर्धन के द्वारा प्रस्तुत याचिका के माध्यम से राहत के लिए प्रार्थना की, जिसमें कहा गया कि न्यायालय एक उचित आदेश या निर्देश जारी करें, जिसके तहत प्रतिवादी समाज की सभी आवश्यकताओं सहित याचिकाकर्ताओं की शिकायत के संबंध में रिकॉर्ड मांगे जाएं। 10.2 प्रतिवादी संघ/सोसायटी के संपूर्ण कामकाज को प्रतिवादी रजिस्ट्रार, फर्म और सोसायटी के हाथों में सौंपें, जब तक कि चुनाव पूरे नहीं हो जाते और नए सिरे से विधिवत निर्वाचित निकाय नहीं बन जाता। 10.3 न्यायालय रजिस्ट्रार, फर्म और सोसायटी को एसोसिएशन/सोसायटी के कामकाज के संबंध में विस्तृत जांच करने का निर्देश दिया जाए। 10.4 रजिस्ट्रार, फर्म और सोसायटी को प्रतिवादी एसोसिएशन/सोसायटी के कामकाज के संबंध में विस्तृत जांच करने का निर्देश दिया जाय। एसोसिएशन/सोसाइटी का चुनाव कानून के अनुसार अनंतिम और अंतिम सदस्य/मतदाता के प्रकाशन के बाद अपनी कड़ी निगरानी में प्रतिवादी कराएगा। 10.5 न्यायालय याचिकाकर्ताओं को याचिका की लागत सहित कोई अन्य राहत प्रदान करने की कृपा कर सकता है, जिसे यह न्यायालय वर्तमान मामले के तथ्यों और परिस्थितियों में उचित और उचित समझता है। याचिकाकर्ताओं ने बताया कि उन्होंने सहायक रजिस्ट्रार, फार्म और सोसायटी, बिलासपुर के समक्ष 08/07/2024 और 20.09.2024 को एक शिकायत दर्ज की है, जो विचार के लिए लंबित हैं। सहायक रजिस्ट्रार, फर्म और सोसायटी, बिलासपुर को इस शिकायत पर विचार करने और इसे शीघ्रता से तय करने का निर्देश देने दिया जाय क्योंकि यह 20.09.2024 से लंबित है।
इस मामले में प्रतिवादी क्रमांक 4, 5, और 6 के वकील ने प्रस्तुत किया कि शिकायत का फैसला करते समय सहायक रजिस्ट्रार, फार्म और सोसायटी, बिलासपुर को कार्रवाई का कारण भी देखना होगा, यदि सहायक रजिस्ट्रार, फार्म और सोसायटी, बिलासपुर कार्यवाही के कारण पर विचार करते हुए, उस पर निर्णय लेने के लिए निर्देश जारी किया जा सकता है। वकील ने आगे कहा कि आज ही रिटर्न दाखिल किया गया है।
0 न्यायाधीश ने दिया यह निर्णय
याचिका पर आदेश जारी करते हुए न्यायाधीश ने कहा कि – मैंने पक्षों के विद्वान वकील को सुना है और रिकॉर्ड पर उपलब्ध सामग्री का भी अवलोकन किया है। उपरोक्त तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए कि 20.09.2024 से शिकायत सहायक रजिस्ट्रार, फर्म एवं सोसायटी, बिलासपुर के समक्ष लंबित है, प्रतिवादी क्रमांक 3/ सहायक रजिस्ट्रार, फर्म एवं सोसायटी, बिलासपुर को इस पर विचार करने और इस आदेश की प्रति प्रस्तुत करने की तिथि से 60 दिनों के भीतर कानून के अनुसार निर्णय लेने का निर्देश दिया जाता है। यह स्पष्ट किया जाता है कि इस न्यायालय ने गुण-दोष के आधार पर कोई बात नहीं कही है और प्रतिवादी, याचिकाकर्ता के मामले पर उसके गुण-दोष के आधार पर विचार कर सकते हैं। सहायक रजिस्ट्रार, फर्म एवं सोसायटी, बिलासपुर सभी पक्षों को सुनवाई का उचित अवसर देते हुए कानून के अनुसार उचित आदेश पारित करने के लिए स्वतंत्र है।