कोरबा। नवकार महामंत्र जैन शासन में अत्यंत प्रतिष्ठित एवं पवित्र मंत्र है, जिसे ‘महामंत्र’ की उपाधि प्राप्त है। यह मंत्र जैन धर्म की पहचान भी माना जाता है। नवकार महामंत्र का स्मरण करने वाला प्रत्येक व्यक्ति जैन धर्म का प्रतिनिधि माना जा सकता है। इस महामंत्र में अर्हत्, सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय और साधु – इन पाँच परम पूज्य आत्माओं को श्रद्धा के साथ नमन किया जाता है। जैन समाज में यह मंत्र इतनी गहराई से समाहित है कि छोटे-छोटे बच्चे भी इसका नित्य उच्चारण करते हैं।
ज्ञात हो कि जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (जीतो) द्वारा दिनांक 9 अप्रैल 2025 को विश्व नवकार महामंत्र दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इस पुण्य अवसर पर आध्यात्मिक और धार्मिक लाभ की भावना से सकल जैन धर्मसंघ एवं अन्य जैन अनुयायी इस अभियान से भावपूर्वक जुड़े हैं।
कोरबा स्थित पुराना बस स्टैंड जैन भवन तथा बुधवारी जैन मंदिर में भी सकल जैन समुदाय ने इस दिवस पर उत्साहपूर्वक भाग लिया और सामूहिक रूप से नवकार महामंत्र का जाप कर इस दिन को अत्यंत पावन बनाया।