0 तस्करी के दो मामले लोगों ने ही किए उजागर
कोरबा-पोड़ी-उपरोड़ा। कोरबा जिले के जंगल लकड़ी तस्करों के निशाने पर हैं। कटघोरा वन मंडल अंतर्गत दो मामले 15 दिन के भीतर सामने आए जिनमें तस्करों ने ईमारती महत्व के वृक्षों की अवैध कटाई की और इसे ले जाने के लिए जुगत भी कर ली लेकिन इससे पहले अलग-अलग माध्यमों से सूचना मिलने पर अवैध कटाई का मामला और उजागर हुआ। दोनों ही मामलों में वन विभाग को बिल्कुल भी भनक नहीं लगी कि जंगल में दर्जनों पेड़ आरा से कब कट गए और कौन काट गया..?
ताजा घटनाक्रम में कटघोरा वन मण्डल अंतर्गत व सलिहाभाठा वन बीट के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत बंजारी के रावणभांठा जंगल में अवैध रूप से ईमारती महत्व के दर्जन भर वृक्षों की कटाई की गई।इस अवैध कटाई की जानकारी बीट गार्ड से लेकर डिप्टी रेंजर, रेंजर तक को नहीं हुई बल्कि ग्राम सरपंच और ग्रामीणों की तत्परता से मामला सामने आया।
बंजारी की सरपंच के पति जजमान सिंह, उप सरपंच पति विनोद उर्रे व स्थानीय ग्रामीणों को सूचना मिली कि जंगल क्षेत्र में बड़ी मात्रा में धौरा व साजा प्रजाति के ईमारती महत्व के वृक्षों की कटाई कर लकड़ियाँ एकत्र की गई हैं। सूचना मिलते ही उन्होंने बीटगार्ड को बताया तो प्रारंभ में वह नजर अंदाज करने और बारिश का बहाना कर टालने की कोशिश करने लगा। इधर जब सरपंच, उपसरपंच और ग्रामीणों ने दबाव बनाया और खुद जंगल तरफ निकल पड़े तब मजबूरी में वन अमले को हरकत में आना पड़ा। बीटगार्ड और अन्य वनकर्मी मौके पर पहुंचे, जहां ग्रामवासियों ने बड़ी मात्रा में काटकर जमा की गई लकड़ियों को दिखाया। निःसन्देह यह अवैध कार्य लंबे समय से चोरी-छिपे किया जा रहा है क्योंकि उन्हें वन अमले की निष्क्रियता का पता है। यदि समय पर ग्रामीणों ने सूचना नहीं दी होती, तो रात के अंधेरे में यह लकड़ी तस्करी कर बाहर भेज दी जाती और वन विभाग को भनक तक नहीं लगती।
0 वन विभाग नहीं करता नियमित निगरानी
मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने बताया कि यह कोई पहली घटना नहीं है। क्षेत्र में लंबे समय से अवैध कटाई की खबरें सामने आती रही हैं, लेकिन वन विभाग की ओर से नियमित निगरानी नहीं की जाती। ना ही फील्ड में कोई गश्त होती है और ना ही समय-समय पर बीट क्षेत्र का निरीक्षण किया जाता है। फिलहाल इस अवैध कटाई के पीछे किन लोगों का हाथ है, इसकी जांच की जा रही है। वन विभाग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उच्चाधिकारियों को जानकारी भेज दी है। ग्रामीणों की मांग है कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए वन क्षेत्र में नियमित गश्त और कड़ी निगरानी की व्यवस्था की जाए।
0 पाली क्षेत्र के जंगल भी निशाने पर
बता दें कि इसके पहले हाल ही में 21 जून को कटघोरा वनमण्डल के पाली वन परिक्षेत्र अंतर्गत कर्रानवापारा बीट के ग्राम कर्रा नवाडीह स्थित संरक्षित वन खण्ड कक्ष क्रमांक पी-98 में नीलगिरी के पेड़ों को किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा मशीन से कटवाकर माजदा में तस्करी के लिए रखा गया था। इसे पार करने से पहले संयोगवश सूचना वन अधिकारियों को मिल गई और टीम ने नीलगिरी से भरा माजदा सीजी 07-बीपी 0210 को पोड़ी-मड़वामौहा मार्ग किनारे छिपाकर रखे हालत में बरामद कर जप्त किया। उक्त वाहन पोड़ी निवासी विजय कश्यप का बताया गया जो फरार है। मामले में भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 33/42 और छग वनोपज अभिवहन नियम 2002 की धारा के तहत वन अपराध प्रकरण क्रमांक 12630/12 दिनांक 21/06/2025 दर्ज कर आगे की जांच की गई। आरोपी की गिरफ्तारी अथवा अन्य कार्रवाई अभी तक विभाग ने साझा नहीं की है।