रामपुर में हवा का रुख बदला,सुरेन्द्र की रणनीति ने तय की जीत
कोरबा। पिछले चुनाव में कोरबा जिले में तीन सीटों पर काबिज रहने वाली कांग्रेस को इस बार मात्र एक सीट से संतोष करना पड़ा है। यह एक सीट वह है जिस पर पिछले चुनाव में भाजपा काबिज रही। भाजपा के हाथों यह सीट छीनकर कांग्रेस ने जीता है। एक कुशल रणनीति के कारण यह संभव हो पाया है।
हम बात कर रहे हैं रामपुर विधानसभा क्षेत्र के परिणाम की। यहां पर काफी कोशिश के बाद फूल सिंह राठिया को टिकट हासिल हो सकी। फूल सिंह को टिकट दिलाने में बड़ी अहम भूमिका जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के जिला अध्यक्ष सुरेन्द्र प्रताप जायसवाल ने निभाई। फूल सिंह राठिया जो कि पिछले बार जोगी कांग्रेस से चुनाव लड़े थे और इन्हें कांग्रेस संगठन में पद देने के साथ-साथ जब टिकट दी गई तब इसका काफी विरोध हुआ। पूर्व विधायक श्यामलाल कंवर व अन्य ने खुलकर विरोध किया।
इसके पहले जब फूल सिंह राठिया ने संगठन से मिले दायित्व के आधार पर ब्लॉकों में संयोजक/सह संयोजकों की नियुक्तियां की तो उसका रामपुर विधानसभा के ब्लॉक अध्यक्षों ने विरोध किया और यह संकेत दिया कि शहर से रामपुर की राजनीति संचालित नहीं होगी।
माना जा रहा था कि फूल सिंह राठिया के लिए रामपुर में दायित्व निभाना आसान नहीं होगा और उन्हें अपनों का ही विरोध पहले झेलने की चुनौती मिलेगी। फूल सिंह के लिए एक तरह से हवा का रुख विपरीत रहा। ऐसे विपरीत हालात में फूल सिंह को टिकट दिलाई गई। टिकट मिलने के बाद जब विरोध गूंजा और उन्हें दलबदलू बताकर टिकट बदलने की मांग की गई तब लग रहा था कि फूल सिंह के लिए यहां जीत आसान नहीं होगी। या तो जोगी कांग्रेस या फिर भारतीय जनता पार्टी को विरोध करने वालों का आंतरिक सपोर्ट मिलेगा। यहां 50 साल से भी अधिक समय से कंवर राजनीति करते आए हैं ऐसे में राठिया समाज से किसी को आगे बढ़ते देखने की संभावना भी कम नजर आ रही थी।
यहां यह बात भी प्रमुख रही कि यदि राठिया समाज से जीत मिल गई तो कंवर समाज के राजनीतिक कैरियर पर खतरा उत्पन्न हो सकता है इसलिए राठिया-कंवर वोटों का विभाजन होने के आसार बढ़ गए।
इधर फूल सिंह राठिया का विरोध के दौरान जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुरेन्द्र प्रताप जायसवाल ने कमान संभाली। वे रामपुर विधानसभा पहुंचे और ब्लॉक अध्यक्षों की बैठक लेकर निर्देश दिए। वरिष्ठ नेता सरमन सिंह कंवर के निवास में आहूत बैठक में सभी ने एक स्वर में कांग्रेस संगठन को जीत दिलाने का संकल्प लिया। सुरेंद्र जायसवाल ने यह बात प्रमुखता से रखी कि हमें व्यक्ति विशेष नहीं बल्कि संगठन को साथ लेकर चलना है और संगठन तथा उसके प्रत्याशी की जीत तय करना है। वे रामपुर विधानसभा में पल-पल की नजर रखने के साथ यहां दौरा/अवलोकन/निरीक्षण कर हालातों को संभालने का काम बखूबी करते रहे। डैमेज कंट्रोल करने के साथ-साथ संगठन के लोगों को एकजुट रखना और उन्हें किसी भी सूरत में बिखरने नहीं देने का जो संयोजन सुरेन्द्र जायसवाल ने किया, नि:संदेह रामपुर विधानसभा में पहली बार राठिया समाज को राजनीतिक प्रतिनिधित्व करने का अवसर प्राप्त हुआ। फूल सिंह राठिया कई कोशिशें के बाद इस बार सफल हुए और उनके साथ संगठन के लोग खड़े रहे तो इसके लिए कहीं ना कहीं ग्रामीण जिला अध्यक्ष की कुशल रणनीति को श्रेय जाता है। सुरेन्द्र जायसवाल ने संगठन के समस्त पदाधिकारियों सहित कार्यकर्ताओं, सदस्यों, मतदाताओं के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया है।