0 मूल शाला में पदस्थ करने की मांग भी लंबित, अब डीईओ की कुर्सी पर नजर..!
कोरबा। जिला शिक्षा विभाग के कार्यालय में कार्यरत सहायक संचालक केआर डहरिया पर न सिर्फ प्रशासन बल्कि शासन की मेहरबानी इस कदर है कि दो इंक्रीमेंट रोकने की सजा न्यायालय से दिए जाने के बाद भी उन्हें पूर्व की शिकायत और मौजूदा पर बने रहने की योग्यता नहीं होने के बावजूद कार्यमुक्त कर मूल शाला में भेजने का आदेश जारी नहीं कर पा रहे हैं। शासन और विभाग के नियम-कायदों से बढक़र श्री डहरिया की उच्च स्तर पर सांठगांठ हो चुकी है, जिसका भरपूर लाभ नियमों से विपरीत जाकर उठाया जा रहा है।
जिले में सहायक शिक्षक से प्रधान पाठक प्राथमिक शाला पदोन्नति में सैकड़ो पदोन्नत प्रधान पाठको को मनचाहा पोस्टिंग देने हेतु अपने पद का दुरुपयोग किया गया। पदांकन के लिए सहायक ग्रेड-3 और इनके बीच चली मनचाहा पोस्टिंग करने की लिस्ट काफी चर्चा में रही। उस लिस्ट को लेकर समय खास चर्चा में आए सहायक संचालक के आर डहरिया मूल रूप से व्याख्याता हैं। इनके द्वारा अपने एप्रोच के जरिए सहायक संचालक का पद हासिल कर लिया गया है जबकि नियमत: प्राचार्य स्तर पर ही यह पद दिया जा सकता है। जैसे-तैसे सहायक संचालक की कुर्सी प्राप्त कर लेने के बाद श्री डहरिया पर मनमानी करने के तमाम आरोप लगाए जाते रहे लेकिन सभी शिकायतों को दर किनार कर विभाग इन पर मेहरबान बना हुआ है। शासन के नियमों की भी धज्जियां जिला शिक्षा विभाग में उड़ रही हैं। अभी शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने विधानसभा की कार्रवाई के दौरान तत्कालीन मुंगेली जिला शिक्षा अधिकारी रहे और वर्तमान कोरबा डीईओ जीपी भारद्वाज को निलंबित करने का निर्देश जारी किया है। यह निर्देश अभी कागजी तौर पर जारी नहीं हुआ है। विभागीय सूत्र बताते हैं कि डीईओ के निलंबन का आदेश आते ही श्री डहरिया प्रभारी डीईओ की कुर्सी पर बैठने को आतुर हैं।
दूसरी तरफ सहायक संचालक डहरिया को विभागीय तौर पर जारी कारण बताओ नोटिस में संतोषजनक जवाब नहीं देने पर शासन के स्कूल शिक्षा विभाग अवर सचिव आरपी वर्मा द्वारा आगामी दो वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोके जाने की शास्ति अधिरोपित की गई है। 3 अक्टूबर 2023 को जारी इस आदेश के उपरांत व आधार पर लोक जनशक्ति पार्टी (रा.) के जिलाध्यक्ष राजकुमार दुबे के द्वारा जिलाधीश को 10 जनवरी 2024 को ज्ञापन सौंपकर गंभीर कृत्यों व शासन प्रशासन की धूमिल होती छवि के मद्देनजर पद से मुक्त कर मूल पद व्याख्याता, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय छिन्दपुर विकासखण्ड पोड़ी उपरोड़ा में पदस्थ करने की मांग की गई है। यह मांग आज पर्यंत लंबित है।
0 विभाग में चल रहा फर्जी शिकायत और त्वरित जांच का खेल
विभागीय विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि इन दिनों शिक्षा विभाग में फर्जी शिकायत का खेल खेला जा रहा है। जिस किसी भी शिक्षक अथवा पदाधिकारी या अन्य से किसी भी तरह का शिकवा विभागीय अधिकारियों को होता है, उसके विरुद्ध किसी के भी नाम से फर्जी शिकायत करवा कर उसी दिन कलेक्टर के कार्यालय में, विभागीय कार्यालय में मार्क करा कर दूसरे ही दिन जांच और उसी दिन कार्रवाई का पत्र जारी हो रहा है। इससे पृथक कई ऐसे भी शिकायत हैं जो वर्षों से लंबित हैं लेकिन जिन मामलों में व्यक्तिगत रुचि होती है, उस पर तत्काल जांच बिठाई जा रही है। खबर तो यह भी है कि फर्जी शिकायतों के सहारे लेन-देन का भी खेल हो रहा है। चढ़ावा नहीं देने वाले को दण्ड का भागीदार और देने वाले को माफी मिल रही है।