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ननकीराम क्यों नाराज..?अपनी ही सरकार में लगाना पड़ा RTI

0 क्या प्रवास पर आ रहे उप मुख्यमंत्री समझना चाहेंगे वरिष्ठ नेता की पीड़ा…?

कोरबा। भाजपा के वरिष्ठ आदिवासी नेता पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर की नाराजगी एक बार फिर सामने आई है। अपनी ही पार्टी भाजपा की डबल इंजन वाली सरकार में प्रशासनिक व्यवस्था व कामकाज से वे इतने व्यथित हैं कि पहली बार उनको सूचना का अधिकार अधिनियम का सहारा लेना पड़ गया। आज जिले के प्रभारी मंत्री व उपमुख्यमंत्री अरुण साव जिला प्रवास पर हैं, क्या वे श्री कंवर की पीड़ा को समझेंगे या फिर हाशिए पर छोड़ जाएंगे, यह देखने वाली बात होगी।

ननकीराम कंवर ने कलेक्टर कोरबा सह अध्यक्ष जिला खनिज संस्थान न्यास से सूचना का अधिकार के तहत जानकारी मांगा है, जिसमें खनिज न्यास के शाषी परिषद में हुई बैठक में अनुमोदित व स्वीकृत कार्यों की वर्ष 2023-24 व 2024- 25 की जानकारी मांगा है।

दूसरी RTI में लोक सूचना अधिकारी कलेक्टर से जानना चाहा है कि आपके कोरबा कलेक्टर के पद पर पदभार दिनांक से आज तक मा. मुख्यमंत्री मंत्री/ विधायक के कार्यालय या निवास से आवश्यक कार्यवाही करने के संबंध में प्राप्त पत्र की प्रमाणित छायाप्रति सहित प्राप्त पत्र पर क्या कार्यवाही की गई है स्पष्ट जानकारी प्रदान करना चाहेंगे ।

एक अन्य RTI में उन्होंने जानना चाहा है कि जिला खनिज संस्थान न्यास मद कोरबा में वर्ष 2020 से वर्ष 2024 तक कोरबा जिले को जिला खनिज संस्थान न्यास मद कोरबा में कितना राशि प्राप्त हुआ और कितना व्यय किया गया है, कितना ब्याज प्राप्त हुआ है इसकी आय ल-व्यय और प्राप्त ब्याज की वर्षवार स्पष्ट जानकारी की छायाप्रति प्रदान करें। इस तरह से कई बिंदुओं पर उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगा है जिससे कयास लगाए जा रहे हैं कि ननकीराम कंवर प्रशासनिक कार्यों से लगातार नाराज चल रहे हैं।

0 PSC की तर्ज पर कोरबा के भ्रष्टाचार को उजागर करने की मंशा..!
नाराजगी के बाद से ननकीराम कंवर कलेक्टर कार्यालय जाना भी बंद कर दिये हैं। उनका कहना है कि शासन के पत्रों को जिला प्रशासन नजर अंदाज करने में लगा हुआ है। शासन के आदेश का पालन कोरबा जिले में नहीं हो रहा है। पीएससी की तर्ज पर कोरबा के भ्रष्टाचार को उजागर करने की मंशा ननकीराम कंवर की दिखाई पड़ रही है। ननकी राम कंवर ने बतलाया कि शासन ने सरकार बदलते ही जो कार्य प्रारंभ नहीं हुए थे, उन कार्यों को तत्काल प्रभाव से रोकने का आदेश पारित किया था लेकिन कोरबा जिले में शासन के उस आदेश को ताक पर रखकर इसमें शामिल पूर्ववर्ती सरकार में विभिन्न पंचायत के लिए स्वीकृत किन्तु अवितरित सिलाई मशीन का भी वितरण करा दिया गया। शासन के आदेश का खुला उल्लंघन कोरबा जिले में हुआ है। जिला खनिज संस्थान न्यास मद का उपयोग DMF के गाइडलाइंस के अनुरूप नहीं किया जा रहा है। प्रत्यक्ष खनन प्रभावित क्षेत्र के विकास की अनदेखी कर अप्रत्यक्ष खनन प्रभावित क्षेत्र में कार्य स्वीकृत किया जा रहा है, इसकी जांच भी केंद्रीय जांच एजेंसी से कराने की बात ननकीराम कंवर के द्वारा कही जा रही है।

0 मनरेगा-RES में नियम विरुद्ध तबादला
कोरबा जिले में पूर्ववर्ती सरकार ने भ्रष्टाचार करने की नीयत से मनरेगा विभाग में संविदा कर्मचारियों के स्थानांतरण नीति के विरुद्ध कार्यक्रम अधिकारियों को स्थानांतरण किया गया एवं तकनीकी सहायकों को नियम विरुद्ध तरीके से कार्यक्रम अधिकारी का प्रभार दिया गया है जिसे वर्तमान सरकार में भी उक्त आदेश को पत्राचार बाद भी निरस्त नहीं किया गया। इसी तरह शासन ने अनुविभाग कोरबा में ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के अनुविभागीय अधिकारी सुनील कुमार प्रजापति को नियुक्ति आदेश दिया है लेकिन जिला प्रशासन ने सुनील कुमार प्रजापति को जिला कार्यालय में संलग्न करते हुए करतला अनुविभाग के अनुविभागीय अधिकारी नरेंद्र सरकार को करतला के साथ-साथ कोरबा का भी प्रभार दे दिया है। इस तरह से रामपुर विधानसभा के लगभग 150 पंचायत के लिए नरेंद्र सरकार को प्रभार स्थानांतरण नीति के विरुद्ध आदेश है। इस तरह से शासन के आदेश की बखूबी कोरबा जिले में धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। ननकीराम कंवर ने इन विषयों पर शासन को पत्र भी लिखा है।

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