CHHATTISGARHBilaspurDurgGaurella-Pendra-MarwahiJanjgir-ChampaKhairagarh-Chhuikhadan-GandaiKORBAKoriyaManendragarh-Chirmiri-BharatpurNATIONALRaigarhRaipurSaktiSATY SANWADSurajpurSurgujaTOP STORY

पाली BJP की राजनीति में घुसा कोयला,शांत फिजां में विद्वेष का जहर

0 यही है जनचर्चा- पिछला और अगला चुनाव, इस विवाद की जड़ में

0 आपसी लड़ाई में मोहरा बने और बनाए जा रहे अन्य लोग…!

कोरबा-पाली। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में पाली क्षेत्र के भाजपा की स्थानीय राजनीति की लड़ाई कोयला खदान तक पहुंचने लगी है। यहां एक ही पार्टी के धुरंधर और वरिष्ठ नेता आमने-सामने हो रहे हैं। एक अब तक पर्दे के पीछे रहकर काम कर रहे हैं तो दूसरे को एक्सपोज किया गया है। पिछले कई दिनों से पाली की सद्भावना वाली शांत फिजां में नफरत और विद्वेष का जहर घुल रहा है, अमन-पसंद लोग चिंतित हैं। वे कतई नहीं चाहते कि आपसी तनाव बढ़े।

कोयले की लड़ाई जो शुरू हुई है, उसकी जड़ में बीते चुनाव के साथ आगामी संगठन चुनाव है। पार्टी ने दोनों अहम चुनाव में हार का सामना तो किया लेकिन पाली मण्डल क्षेत्र में जो उथल-पुथल उस दौरान पार्टी प्रवेश को लेकर मची,उसका असर चुनाव के बाद व्यक्तिगत, व्यवसायिक और राजनीतिक विद्वेष के रूप में सामने आने लगा है। चिंताजनक तो यह है कि अब इसमें दूसरे लोग भी रोटी सेंकने लगे हैं कि हमारे सिर पर तो फलाना आका का हाथ है,जो होगा वो देख लेंगे…। यह सोच और प्रवृत्ति बढ़ने के साथ ऐतिहासिक शिव और महिषासुर मर्दिनी की अमन-चैन वाली नगरी पाली की शांत फिजां में विद्वेष और बदले का जहर तेजी से घुलता जा रहा है। एक-दूसरे पर घात लगाने के साथ कानून प्रदत्त विशेष अधिकार व संरक्षण का गलत फायदा उठाने की मंशा भी बलवती हो चली है।

0 हालिया अतीत पर डालें एक नजर,जो है मूल वजह

बात विधानसभा 2023 और 2024 के लोकसभा चुनाव की है जब भारतीय जनता पार्टी को पाली विधानसभा क्षेत्र में हार का सामना करना पड़ा, फिर भी संगठन भी इस बार सोच में पड़ गई कि यहां भाजपा को इस बार जबरदस्त बढ़त मिली। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी व कांग्रेस पार्टी से मात्र 4000 वोट का अंतर रहा और भाजपा 4000 वोटों से पाली क्षेत्र में पहले स्थान पर रही। बात लोकसभा 2024 की करें तो इस चुनाव में भाजपा को कोरबा लोकसभा जीतना अति आवश्यक हो गया था जिसके लिए लगातार हार की वजह बन रहे पाली तानाखार के गड्ढे को पाटना जरूरी था। यहां से हर समय में भाजपा को हार मिलती रही, लेकिन इस बार भाजपा कार्यकर्ताओं में उत्साह और बढ़ते देखते हुए भारतीय जनता पार्टी मंडल पाली ने 1500 कांग्रेसियों को लोकसभा चुनाव के पहले ही भाजपा में प्रवेश कराया। इन कांग्रेसियों के भाजपा प्रवेश से स्थानीय भाजपा के कुछ कद्दावर नेताओं/पदाधिकारियों ने विरोध उठाया,शिकायत की और मामला सुर्ख़ियों में रहा। इन सभी बातों को लेकर भाजपा मंडल अध्यक्ष के ऊपर दबाव बनने लगा लेकिन संगठन के दिशा-निर्देश और चुनाव जीतने का जो अभियान था, उसे सुचारू रूप से चलाने के लिए भाजपा मंडल अध्यक्ष रोशन सिंह ने कांग्रेसियों के प्रवेश को जोर पकड़ा दिया और क्षेत्र में भाजपा के लिए जबरदस्त काम करना प्रारंभ कर दिया। हालांकि इस प्रवेश से कितना लाभ और नुकसान वोट को लेकर हुआ,यह तो संगठन ही जाने लेकिन दूसरी तरफ यहीं से शुरू हुई खन्दक और ईगो की लड़ाई के मध्य भाजपा की बढ़ती उम्मीदों को देखते हुए स्थानीय भाजपा के ही आकाओं ने एक तरह से रोशन सिंह के पर कतरने का अभियान प्रारंभ कर दिया। लगातार मण्डल अध्यक्ष पर आरोप-प्रत्यारोप करने चालू कर दिए गए।

0 अब लड़ाई पहुंची खदान तक…
इस क्षेत्र से जो बातें निकलकर सामने आई हैं, उसके मुताबिक जब चुनाव में बात नहीं बनी और 2024 का लोकसभा कोरबा हारने के बाद इस विद्वेष को खदान तक ले जाया गया है। बताते हैं कि रोशन सिंह खदान प्रभावित भू विस्थापित के रूप में सरायपाली माइंस में कार्य कर रहे हैं लेकिन वैचारिक और राजनीतिक मतभेद/मनभेद के फलस्वरूप तथा एकाधिकार करने के आरोप-प्रत्यारोप के बीच यहां भी अटैक करना शुरू कर दिया गया है। आपराधिक प्रकरण दर्ज करा कर भाजपा की राजनीति खत्म करने की मंशा तक रखी जाने लगी है। हाल-फिलहाल लगते कई तरह के आरोप इसकी तरफ इशारा करते हैं ताकि राजनीतिक पृष्ठभूमि और साख को खराब किया जा सके। मजे की बात यह है कि पूरे अभियान में रोशन सिंह एक्सपोज हैं और दूसरा पक्ष पर्दे के पीछे है। वैसे दूसरा पक्ष भी आरोप लगाने में पीछे नहीं है कि रोशन सिंह का हाथ विवादों में है लेकिन रोशन का कहना है कि यह सब साजिशन है।

0 संगठन को सोच-विचार कर काम करना होगा
अभी जबकि भाजपा संगठन के चुनाव होने हैं,जिसकी प्रारम्भिक प्रक्रिया जारी है। ऐसे में संगठन के लिए हालिया चुनावों को देखते हुए इन सब बातों के साथ-साथ यह भी देखना है कि मजबूत कार्यकर्ता के साथ अन्याय ना हो। स्थानीय भाजप के वरिष्ठ एवं ग्रामीण कई कार्यकर्ताओं से चर्चा में इतना तो जरूर पता चला है कि भाजपा मंडल अध्यक्ष रोशन सिंह एक मजबूत मंडल अध्यक्ष रहे हैं और उनका कार्यकाल बहुत ही अच्छा रहा है। कार्यकर्ताओं में हमेशा यह उत्साह है कि उनके मंडल अध्यक्ष बनने पर भाजपा को यहां पर काफी मजबूती मिली है।

Related Articles

Back to top button