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मुझे कुछ हुआ तो,विधायक व क्षेत्रवासी जिम्मेदार होंगे, आरोपों को पम्प ऑपरेटर शांति ने नकारा

0 कहा- विधायक को ये पता नहीं है कि विगत 7 माह से रीडर के पद से निकल चुकी हूं

कोरबा,पोड़ी-उपरोड़ा। पम्प ऑपरेटर से तहसीलदार की रीडर अटैचमेंट की गई शांति पांडेय ने तहसीलदार, पोडी उपरोडा के नाम लिखे आवेदन में अपने ऊपर ग्रामवासियों द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को गलत बताते हुए कहा है कि मेरे बारे में पूर्ण जानकारी ना तो क्षेत्रावासी पोडी उपरोडा को है और ना ही विधायक पाली तानाखार को, तभी तो अभी तक ये पता नहीं है कि विगत 7 माहों से रीडर के पद से निकल चुकी हूं। क्षेत्रावासी, विधायक के द्वारा बेवजह बार-बार शिकायत करके मानसिक रूप से प्रताडित किया जा रहा है। मेरे एवं मेरे परिवार के साथ किसी भी प्रकार का घटना घटित होता है तो उसकी पूर्ण जिम्मेदारी क्षेत्रावासी पोडी उपरोडा एवं विधायक पाली तानाखार की होगी।

श्रीमती शांति पांडे ने संलग्नीकरण खत्म करने की मांग और तमाम तरह की गंभीर शिकायतों पर क्षेत्रवासियों द्वारा लिखे गए पत्र पर अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा है कि-
ग्रामवासी पोडी उपरोडा एवं विधायक के द्वारा मेरे प्रति निम्नानुसार आरोप लगाया गया है जो कि सरासर गलत है-

1- क्षेत्रावासी पोडी उपरोडा के द्वारा कहा गया है कि सिंचाई विभाग बांगो में वर्ग 4 में पदस्थ हूं। जिसे नायब तहसीलदार के द्वारा रीडर का पद दिया गया है। मुझे रीडर के पद नायब तहसीलदार के द्वारा नही बल्कि पूर्व में पदस्थ तहसीलदार के द्वारा दिया गया था ।
यह सत्य है कि मैं सिंचाई विभाग बांगो में पदस्थ हूं, परन्तु वर्ग 4 मे नही बल्कि वर्ग 3 में मेरा नियुक्ति हुआ है। जिसकी छाया प्रति संलग्न है।
2- क्षेत्रावासी एवं विधायक का कहना है कि मेरे द्वारा ग्रामीणों से मोटी रकम की मांग की जाती है।
महोदय जी मेरे द्वारा नही बल्कि दलालों के द्वारा हम लोगों के नाम पर रकम की वसूली की जाती है जिसका पुष्टी हेतु आवेदकों का बयान संलग्न किया गया है।
3- क्षेत्रावासी एवं विधायक के द्वारा कहा गया कि नायब तहसीलदार ने मुझे मोटी रकम लेने के लिये अपने पास रखे है।
महोदय जी जहां तक मुझे जानकारी है एक दण्डाधिकरी होने के कारण उन्हे पैसे की शायद कमी नही है। और अगर उनको रकम की आवयकता होगी तो जो भी रीडर होगें उनके द्वारा ले सकते हैं। किंतु यह आरोप भी गलत है मुझे नायब तहीलदार के द्वारा कभी भी किसी प्रकार का रकम लेने हेतु कहा गया है।

  1. क्षेत्रावासी एवं विधायक को तो यह भी जानकारी नही है कि मैं पिछले 7 माह पूर्व ही रीडर के पद से हट चुकी हूं।

6- क्षेत्रावासी एवं विधायक के द्वारा मुझे आरोप लगाया गया है कि मेरे द्वारा आवेदकों को वकील रखने से मना किया जाता है जो कि गलत है अधिवक्ता संघ के द्वारा अनुविभागीय अधिकारी पोडी उपरोडा को ज्ञापन देकर दलालों को तहसील परिसर से हटाने एवं न्यायालय में आने जानें से रोक लगाने का निवेदन किया गया था जिसे जांच के लिये नायब तहसीलदार को दिया गया था। तब नायब तहसीलदार के द्वारा समस्त स्टाफ को निर्देश दिया कि दलालों को कार्यालय में ना आने दें और मेरे द्वारा उस आदेश का पालन किया गया। एक-दो ग्रामीणों के द्वारा मुझे बोला गया कि सुदर्शन वकील को हम लोग प्रतिवेदन दिये है जिसे आप देख लेना तब मेरे द्वारा वास्तविकता को बताया गया कि वह वकील नही है बल्कि स्टाम्प वेंडर है आप लोग वहां पर क्यों देते हो। किसी वकील के बारे मे मैने कभी भी कोई टिप्पणी नही की है।

7- मेरे द्वारा आज तक किसी प्रकरण को नही गुमाया गया है। किसका प्रकरण और कब गुमा कृपा करके अपना नाम और ग्राम बतावें क्यों कि जब समस्त क्षेत्रावासी का प्रकरण जब गुम ही गया है तो अभी तक मुझे अवगत क्यों नही कराया गया इस संबंध में मैं उनका नाम एवं ग्राम जानना चाहूंगी कृपया बताने की कृपा करें ।

8-देवचंद एवं अन्य 2 ग्राम घोसरा के द्वारा इस न्यायालय में बटवारा का प्रकरण लगाया गया था जिसमें सुरेश पोर्ते घोसरा के द्वारा मुझे दबाव डाला जा रहा था कि आदेश तत्काल करो जब मेरे द्वारा मना किया गया तब मुझ पर झुठा आरोप लगया गया कि मैं पैसे की मांग कर रही हूं। जिसमें आवेदक के द्वारा स्वयं अपना बयान प्रस्तुत किया गया है जो कि संल्गन है। इसी तरह पोर्ते के द्वारा भी बटवारा के प्रकरण में धीरसाय अन्य 3 ग्राम घोसरा से भी मेरे एवं साहब के नाम पर 2000/- लिया गया जिसका भी बयान संलग्न है। एवं रूखमणी बाई ग्राम चोटिया के द्वारा द्वितीय ऋण पुस्तिका हेतु प्रकरण इस न्यायालय में चल रहा था जिसमें दर्शन ग्राम कोनकोना के द्वारा 6000/- हमारे नाम पर लिया गया जिसकी प्रति भी संलग्न है। 9- मेरे द्वारा पोडी उपरोडा में संतोष श्रीवास अन्य 2 ग्राम पोडी उपरोडा से 368/6 की भूमि को 2019 में कय किया था। मेरे भूमि से लगा हुआ भूमि श्रीवास का बचा हुआ है जिसमें ज्ञानदास ग्राम पोडी के द्वारा जबरन कब्जा किया जा रहा है पूर्व में भी इस संबंध में श्रीवास के द्वारा आपत्ति किया गया था। जिसमें ज्ञानदास के द्वारा जबरदस्ती मुझे आरोप लगाया जा रहा है कि मैं तहसील में रहती हूं और मै जो अधिकारी को कहती हूं वो अधिकारी करते हैं जो कि गलत है। जहां तक मुझे जानकारी है कि अधिकारी के द्वारा ठोस सबुत प्राप्त होने के बाद ही कोई कार्यवाही किया जाता है ना कि स्टाप एवं अन्य किसी के कहने पर कार्य करतें हैं।
उक्त भूमि की दिनांक 06/12/2024 को पुनः टीम गठित कर टीम के द्वारा सीमांकन करने गये रात होने के कारण सीमांकन पूर्ण नही हो पाया एवं अगली दिनांक टीम के द्वारा 13/12/2024 को दिया गया है। जब-जब उक्त भूमि का जांच होता है तब-तब मेरे खिलाफ शिकायत होती है।

इस न्यायालय में अकेले में ही अटैच नही हूं मेरे अलावा और भी कर्मचारी अटैच हैं जो कि अन्य विभाग से है। मुझे तो लगता है कि विधायक द्वारा जाति वर्ग के नाम से बार-बार मुझे परेशान किया जा रहा है क्यों कि इस न्यायालय में एक अकेली में ही जाति में ब्राम्हण हूं बाकी अन्य जाति से संबंध रखते हैं।

मेरे बारे में पूर्ण जानकारी ना तो क्षेत्रावासी पोडी उपरोडा को है और ना ही विधायक पाली तानाखार को तभी तो अभी तक ये पता नही है कि मैं विगत 7 माहों से रीडर के पद से निकल चुकी हूं। इस प्रकार मुझे क्षेत्रावासी पोडी उपरोडा मा० विधायक महोदय पाली तानाखार के द्वारा बे वजह के बार-बार शिकायत करके मानसिक रूप से प्रताडित किया जा रहा है। मैं अपने घर पर अपने 14 वर्ष के पुत्र के साथ अकेली रहती हूं। मुझे हमेशा डर-डर के रहना पडता है मेरे साथ एवं बच्चों के साथ कही कुछ घटना ना हो जाये। इस प्रकार मुझे मानसिक एवं आर्थिक रूप से क्षेत्रावासी पोडी उपरोडा के द्वारा प्रताडित किया जा रहा है। मुझे एवं मेरे परिवार के साथ किसी भी प्रकार का घटना घटित होता है तो उसकी पूर्ण जिम्मेदारी क्षेत्रावासी पोडी उपरोडा एवं विधायक पाली तानाखार की होगी ।

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