कोरबा,कोरबी-चोटिया। हसदेव नदी डुबान से मोरगा निवासी जायसवाल होटल के संचालक के पुत्र अंकित का शव घटना के छठवें दिन आज सुबह करीब 6 बजे मछुआरों को नजर आया। शव को बाहर निकाल कर पोस्टपार्टम के लिए भिजवाया जा रहा है।
जिले के ग्राम मोरगा निवासी एवं होटल संचालक जोगेन्द्र जायसवाल का छोटा पुत्र अंकित जायसवाल 5 मार्च बुधवार को दोपहर लगभग 3 बजे अपने घर मोरगा से बिना बताए निकला था। इसके बाद वह घर वापस नहीं लौटा। तलाश के दौरान आधी रात के वक्त उसकी मोटरसाइकिल नदी के निकट लावारिस हालत में मिली और पास में ही चप्पल भी पड़ा मिला। इस आशंका पर कि कहीं वह नदी में डूब तो नहीं गया, सूचना बाद पुलिस द्वारा स्थानीय गोताखोरों की मदद से और फिर एसडीआरएफ की टीम के सहयोग से तलाशी अभियान शुरू किया गया। एक-एक दिन गुजरते चले गए लेकिन अंकित का कुछ पता नहीं चल सका। इस बीच अंकित के पिता ने शव तलाशने वाले टीम को 50 हजार रुपये ईनाम देने की भी घोषणा कर दी। 5 मार्च से लापता अंकित की तलाश हसदेव नदी में किए जाने के दौरान इस बात की पुष्टि हो गई कि उसने नदी में कूद कर खुदकुशी की है, तब घटनास्थल से लेकर नदी के पूरे आसपास के इलाके में शव की तलाश में और तेजी लाई गई लेकिन नतीजा सिफर ही रहा।

इस बीच आज सुबह मछुआरों ने एक शव को देखा और सूचना तत्काल पहुंचाई गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने गोताखोरों की मदद से शव को बरामद किया और वैधानिक कार्रवाई पश्चात पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया जा रहा है।
हमारे समाचार सहयोगी सुशील जायसवाल ने बताया कि अम्बिकापुर-चोटिया एन एच 130 में केंद्ई के पास स्थित हसदेव नदी डुबान क्षेत्र पुराना पुल के पास मोटरसाइकिल में सवार होकर गया था। वह पहले आत्महत्या करने की नीयत से नये पुल के पास गया था, लेकिन नदी में कुछ मछवारो ने उसे डांट कर वहां से भगाया। फिर वह मोटरसाइकिल से लगभग 500 मीटर दूर पुराने पुल के पास अपने मोटरसाइकिल को खड़ा किया और चप्पल उतार कर नदी में छलांग लगा दिया। घटना के प्रत्यक्षदर्शी वहां पर कुछ लोग खाना बना रहे थे, जिनमें से एक व्यक्ति ने बताया कि एक लड़का मोटरसाइकिल में आया और बोला कि आज मुझे मरना है, घटना को सामने होता देखकर उन सभी का दिल दहल उठा और वे वहां से भाग निकले।