0 सरकारी जमीन सरकार को ही बेच दिए, निजी खसरा-रकबा, भू स्वामी तक बदल दिए, मुआवजा बढ़ाने टुकड़ों में बांटी जमीन
0 EOW ने दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद किए
रायपुर। रायपुर से विशाखापट्नम के बीच बन रहे इकॉनोमिक कॉरीडोर के भू-अर्जन मुआवजा राशि में शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाने के लिए राजस्व विभाग के लोक सेवकों ने अपना ईमान बेच दिया। सरकार के साथ छल करने से पहले इन्होंने अपने पद की गरिमा का भी जरा सा भी ख्याल नहीं रखा और लोक सेवक के रूप में प्राप्त अधिकारों का पूरी तरह से दुरुपयोग करते हुए जमीनों में खेल कर गए। मामले में EOW ने शुक्रवार को छापामार कार्रवाई की। 20 स्थानों पर की गई छापेमारी से दिन भर राजस्व अफसरों और जमीन दलालों के बीच अफरा-तफरी की स्थिति निर्मित रही। इस कार्रवाई के दौरान EOW की टीम बहुचर्चित जमीन दलाल हरमीत सिंह खनूजा को अपने साथ ले गई।
EOW ने अपने प्रेस नोट में जानकारी दी है कि निर्भय साहू, तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अभनपुर एवं राजस्व विभाग के अन्य अधिकारियों के द्वारा लोक सेवक के पद पर पदस्थ होते हुये अपने-अपने पदों का दुरूपयोग करते हुये भूमि के संबंध में मुआवजा प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के साथ आपराधिक षड़यंत्र किया गया। इन्होने रायपुर- विशाखापट्नम प्रस्तावित इकॉनोमिक कॉरीडोर के भू-अर्जन के संबंध में शासन की अर्जित भूमि को पुनः शासन को विक्रय कर मुआवजा देने, भूमि स्वामी के बदले किसी अन्य व्यक्ति को मुआवजा दिये जाने एवं निजी भूमि के गलत मुआवजा एवं निजी भूमि के मूल खसरा एवं रकबा को टुकड़ा-टुकड़ा उपखण्डों में विभाजित करने किया। इसके अलावा उमा तिवारी को फर्जी आहरण कर मुआवजा राशि के निर्धारण में अर्जन की जाने वाली निजी भूमि के बदले प्रभावितों को गलत ढंग से अधिक मुआवजा देते हुये शासन के साथ छल करते हुए कुल रुपये 48 करोड़ 03 लाख 18 हजार 506 रुपये की आर्थिक क्षति पहुंचाई गई। इस संबंध में ब्यूरो में अपराध क्रमांक 30/ 2025, धारा-7सी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 यथासंशोधित भ्र.नि. (संशोधन) अधिनियम 2018 एवं धारा-467, 468, 471, 420, 120बी भादवि, दिनांक 23.04.2025 दर्ज किया गया है।
0 4 जिलों में 20 स्थानों पर की गई छापेमारी
विवेचना के सन्दर्भ में आज संदेहियों के निवास स्थान एवं संबंधित जगहों पर ईओडब्ल्यू / एसीबी की टीमों ने जिला रायपुर, महासमुंद, दुर्ग एवं बिलासपुर में 20 स्थानों पर रेड की कार्यवाही की। कार्यवाही में निर्भय कुमार साहू, जितेन्द्र कुमार साहू, दिनेश पटेल, योगेश कुमार देवांगन, शशिकांत कुर्रे, लेखराम देवांगन, लखेश्वर प्रसाद किरण, बसंती धृतलहरे, रोशन लाल वर्मा, जमीन दलाल हरमीत सिंह खनूजा, उमा तिवारी, विजय जैन, दशमेश इन्ट्रावेंचर प्रा. लि. हृदय लाल गिलहरे एवं विनय कुमार गांधी शामिल हैं, जिनके यहां छापे मारे गए।
जानकारी मिली है कि इनमें से जमीन दलाल हरमीत सिंह खनूजा और विजय जैन को EOW की टीमें अपने साथ लेकर गई हैं। पता चला है कि इस घोटाले के असली मास्टरमाइंड यही लोग हैं।
कार्यवाही में संदेहियों के निवास स्थानों एवं अन्य जगहों से प्रकरण के संबंध में महत्वपूर्ण दस्तावेज, मोबाईल, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, कई बैंक एकाउंट एवं निवेश से संबंधित दस्तावेज प्राप्त हुए हैं। प्राप्त दस्तावेजों का विश्लेषण एवं अग्रिम वैधानिक कार्यवाही जारी है।
0 विस्तृत जांच रिपोर्ट मिलने पर होगी कार्रवाई
इस प्रकरण में अब तक राज्य शासन द्वारा 05 गावों के जमीन के संबंध में दिये गये रिपोर्ट के आधार पर यह पाया गया कि गलत एवं अधिक मुआवजा राशि प्रदान करने के कारण शासन को लगभग 48 करोड़ रूपये की आर्थिक क्षति हुई है। अभी बहुत से अधिग्रहित गांवों के जमीनों और खसरों के संबंध में शासन के द्वारा रिपोर्ट प्राप्त होना शेष है, जिसके कारण शासन को आर्थिक क्षति की राशि और भी बढ़ने की संभावना है।