0 1,628 वनरक्षकों की भर्ती में भारी भ्रष्टाचार,
0 पूर्व् मंत्री ननकीराम कंवर की शिकायत पर केन्द्र सरकार ने मांगी रिपोर्ट
रायपुर। छत्तीसगढ़ के वन विभाग में बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (PCCF) श्रीनिवास राव के खिलाफ 1,628 वनरक्षकों की भर्ती में भ्रष्टाचार और कैम्पा (CAMPA) योजना में अनियमितताओं को लेकर गंभीर आरोप लगे हैं। इस मामले में केंद्र सरकार की पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (सतर्कता शाखा) ने राज्य के प्रमुख सचिव (वन) मनोज कुमार पिंगुआ को जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
यह मामला तब सामने आया जब छत्तीसगढ़ के पूर्व् वन और गृह मंत्री रहे ननकी राम कंवर ने केंद्र सरकार को एक लिखित शिकायत भेजी। इसमें उन्होंने आरोप लगाया कि वन विभाग में CAMPA योजना के तहत बड़े पैमाने पर धन की हेराफेरी की गई और वनरक्षकों की भर्ती में भ्रष्टाचार हुआ। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए केंद्र सरकार ने 17 मार्च 2025 को राज्य सरकार को निर्देशित किया कि मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए।
0 कैसे हुआ यह घोटाला?
वन विभाग में CAMPA योजना (Compensatory Afforestation Fund Management and Planning Authority) के तहत वनीकरण और पर्यावरण संरक्षण के लिए करोड़ों रुपये का प्रावधान किया जाता है। आरोप है कि इस योजना के नाम पर कागजों में ही कार्यों को दर्शाकर करोड़ों रुपये की हेराफेरी की गई। वहीं, 1,628 वनरक्षकों की भर्ती में भी बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होने का आरोप है। आरोपों के अनुसार—
- भर्ती प्रक्रिया में धांधली: योग्य उम्मीदवारों को दरकिनार कर पैसे लेकर भर्ती की गई।
- रिजल्ट में हेरफेर: पहले से तय उम्मीदवारों को पास कराया गया।
- राजनीतिक हस्तक्षेप: प्रभावशाली लोगों के रिश्तेदारों को अवैध रूप से नौकरी दी गई।
- नियमों का उल्लंघन: भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए बिना, मनमाने तरीके से नियुक्तियां की गईं।
0 वन विभाग पर उठे सवाल
इस खुलासे के बाद छत्तीसगढ़ के वन विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। PCCF श्रीनिवास राव पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने से विभाग की साख दांव पर लग गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर CAMPA योजना के तहत वनीकरण के नाम पर करोड़ों रुपये की हेराफेरी हुई है, तो यह पर्यावरण के लिए भी एक बड़ा अपराध है। वहीं, हजारों युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर उनके हक की नौकरियां बेची गईं, तो यह एक सामाजिक अपराध भी है।
0 अब आगे क्या?
- केंद्र सरकार ने राज्य को निर्देश दिया है कि वह इस मामले की जांच कर उचित कार्रवाई करे।
- अगर आरोप सही पाए गए तो PCCF श्रीनिवास राव समेत कई अधिकारियों पर गाज गिर सकती है।
- भ्रष्टाचार की पुष्टि होने पर मामले में उच्च स्तरीय जांच कमेटी भी बैठाई जा सकती है।
अब देखना होगा कि राज्य सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है या फिर इसे भी अन्य वन घोटालों की तरह ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा। लेकिन यह साफ है कि वन विभाग में गहरी पैठ बना चुके भ्रष्टाचार का यह मामला अब राजनीतिक और कानूनी मोर्चे पर तूल पकड़ सकता है।
