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अश्लील चित्र और फूहड़ गाने चलाकर कार्यालय में कार्य करते हैं,व्यंग्य करते हैं

0 विभागीय शिकायत पर जांच नहीं, अश्लील मैसेज पर महिला आयोग सख्त

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के कार्यालय रायपुर में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की। आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज 285 वीं सुनवाई हुई। रायपुर जिले में कुल 136 वीं जनसुनवाई।

सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में आवेदिका ने शिकायत किया था कि आवेदिका के मोबाईल नं. पर अनावेदक ने अभद्र शब्द टाईप करके भेजा था जो अभी आवेदिका के मोबाईल पर सुरक्षित है। आवेदिका ने इसकी शिकायत अपने विभाग के उच्चाधिकारियों को किया है लेकिन अब तक सही तरीके से जांच प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है। आवेदिका ने बताया कि अनावेदक अश्लील चित्र और फूहड़ गाने चलाकर कार्यालय में कार्य करते है मुझ पर व्यंग करते है। आयोग द्वारा अनावेदकगणों को समझाईश दिया गया कि उन्होने कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडन 2013 कानून का पालन सही तरीके से नही किया इस प्रक्रिया को पूर्ण करने की जिम्मेदारी अनावेदकगणों की होगी। आयोग ने निर्देश दिया की 1 माह के भीतर आंतरिक जांच समिति की बैठक कर प्रक्रिया पूर्ण कर रिपोर्ट आयोग में प्रस्तुत करे जिससे प्रकरण का निराकरण किया जा सके।

0 दशकों बाद आयोग के दखल पर आवेदिकागणों को समाज में मिलाया गया

एक अन्य प्रकरण में अनावेदकगणों ने अपना शपथ पत्र प्रस्तुत किया कि उन्होने आवेदिकागणों का कोई सामाजिक बहिष्कार नहीं किया है। शेष उपस्थित सदस्यों ने आयोग के समक्ष सामूहिक रूप से घोषणा किया कि उनके द्वज्ञरा आवेदिकागणों का कोई सामाजिक बहिष्कार नही किया गया है। और ना ही भविष्य में ऐसा करेंगे। अनावेदक पक्षों को समझाईश दिया गया कि अपने समाज कि बैठक में अपने समाज के विधान में संशोधन की प्रक्रिया कर सामूहिक स्तर पर किसी भी महिला को बहिष्कृत करने से बचे। अन्य समझाईश देते हुए प्रकरण नस्तीबध्द किया गया।

0 माँ का कुछ पता नहीं चल रहा,हत्या का संदेह है बेटे को
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका अपने पुत्र के साथ उपस्थित हुई तथा ए.एस. आई गौरेला अनावेदक को लेकर उपस्थित हुए आयोग के द्वारा अनावेदक के साथ आवेदिका की मां जो कि एक मानसिक रोगी है, को भी उपस्थित करने के निर्देश एस. डी.एम. गौरेला को दिये थे लेकिन एस.डी.एम. गौरेला उक्त आदेश के बाद भी आयोग के निर्देश का पालन कराने में असमर्थ रहे। अनावेदक लगातार चार सुनवाई में आवेदिका की मां को लेकर नहीं आया। आवेदिका के पुत्र ने आवेदन आयोग में प्रस्तुत किया कि आवेदिका की मां को आखरी बार रजिस्ट्रार कार्यालय में देखा गया था। उसके बाद किसी ने उसे नहीं देखा उसने संभावना व्यक्त किया कि अनावेदक द्वारा आवेदिका की मां की हत्या कर दी गई है। वह हर बार झूठ बोलता है कि वह तीर्थ यात्रा पर गई है। आवेदिका की मां वास्तव में जीवित है या उसकी हत्या अनावेदक द्वारा किया गया है इसकी जांच के लिए तत्काल प्रभाव से एफ.आई.आर के निर्देश आयोग ने दिया तथा जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया।

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