0 बैंक खाता से आधार सीडिंग नहीं बता रहा-बैंक वाले बोलते हैं सब ok, फिर गड़बड़ी कहां…!
कोरबा। छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी महतारी वंदन योजना का लाभ हितग्राहियों को मार्च 2024 से प्राप्त हो रहा है। इन्हें लगातार मिल रही राशि हर महीने बैंक खाता में प्राप्त हो, इसके लिए आधार सीडिंग/ डीबीटी का कार्य समय-समय पर कराए जाते रहे हैं। जहां भी किसी तरह की दिक्कत हुई है तो हितग्राहियों को संबंधित आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से संदेश देकर उस त्रुटि/ कमी को दूर करने के लिए कहा जाता रहा है। हितग्राहियों के द्वारा निरंतर राशि प्राप्त करने के लिए सभी तरह की औपचारिकताओं को पूरा किए जाने के कई महीने बाद एक बार फिर कइयों का पैसा रिटर्न हो रहा ह जो हितग्राही बराबर अपना खाता चेक करते हैं अथवा मैसेज देखते हैं उन्हें इस आशय की जानकारी प्राप्त हो रही है कि उनका पैसा रिटर्न हो गया है। अप्रैल 2025 में जारी किए गए 1000 रुपए की राशि रिटर्न होने का मैसेज कईयों को प्राप्त हुआ है। महिला एवं बाल विकास विभाग छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा भी हितग्राहियों को संदेश भेज कर कहा जा रहा है कि उनका आधार मैपिंग नहीं होने के कारण राशि रिटर्न हुआ है इसलिए संबंधित बैंक में जाकर आवश्यक कार्रवाई कर ली जाए।
दूसरी तरफ हितग्राही जब आधार कार्ड और बैंक पासबुक लेकर बैंक पहुंच रहे हैं तो उन्हें बताया जा रहा है कि उनका आधार नम्बर, बैंक खाता से पहले से ही लिंक हो रखा है और किसी भी तरह की कोई तकनीकी दिक्कत बैंक की तरफ से नहीं है।महिला एवं बाल विकास विभाग के दफ्तर जाने पर भी यहां से सब कुछ ओके बताया जाता है तो हितग्राही परेशान हैं कि आखिर तकनीकी त्रुटि कहां हो रही है? आधार सीडिंग का काम संबंधित बैंकों में अथवा च्वाइस सेंटर में जाकर रुपए खर्च करने के बाद बार-बार वही कार्य कराए जाने को लेकर हितग्रागी काफी परेशान हो रहे हैं।
इनका कहना है कि जब एक बार आधार व बैंक खाता लिंक हो चुका है तो बार-बार आधार मैपिंग नहीं होने का कारण बताकर रुपए रिटर्न क्यों हो रहे हैं? बार-बार बैंक अथवा च्वाइस सेंटर का चक्कर काटने के कारण आने-जाने और च्वाइस सेंटर में जानकारी हासिल करने के एवज में रुपए खर्च होने के साथ-साथ समय भी खराब हो रहा है। कामकाजी महिलाओं को अपने काम का नुकसान करके, बैंकों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं तो दूसरी तरफ आश्रित महिलाओं को भी अनावश्यक परेशानी उठाने के साथ-साथ खरी-खोटी भी सुननी पड़ रही है।
