कोरबा। सुशासन राज में कोरबा के अनेक इलाकों में बेजा कब्जा, अतिक्रमण का बोलबाला है। बेधड़क होकर बेहिचक कब्जे पर कब्जे किए जा रहे हैं। कब्जा करने की होड़ में वन विभाग से लेकर सरकारी पट्टे की जमीन भी निशाने पर है। इन दिनों कोरबा-चाम्पा मार्ग पर स्थित एसईसीएल की मानिकपुर परियोजना के डंपिंग का क्षेत्र जो कि पोखरी से लगा हुआ है और पोखरी को राख से पटवा कर पर्यटन स्थल बनाने की योजना अब फाईलों में दब गई है लेकिन इसके निकट एसईसीएल की जमीन को समतल कराते हुए अवैध कब्जा किया जा रहा है।
किसी रसूखदार के द्वारा इसे भाजपा के एक बड़े नेता के इशारे पर अंजाम देने की बात सामने आ रही है। इस मामले में एसईसीएल के अधिकारी जहां गहरी नींद में सोए हुए हैं तो दूसरी तरफ डंपिंग एरिया को सुरक्षित करने के लिए लगाए गए बोल्डर के बंधान में से बोल्डर को निकालकर उक्त अवैध निर्माण की नींव तैयार की गई और उसके ऊपर अवैध कब्जा को हर दिन आगे बढ़ाया जा रहा है।
इलाके में यह अवैध कब्जा काफी सुर्खियां बटोर रहा है। इमली डुग्गु के पूर्व पार्षद भी इस अवैध कब्जा को लेकर काफी चर्चा में हैं। इमलीडुग्गू के पूर्व पार्षद इस अवैध कब्जा के साथ-साथ रेत के मामले में भी सुर्खियां बटोर रहे हैं जिन पर रेत का अवैध खनन और परिवहन करने वालों ने वसूली की रकम बढ़ाने का सनसनी खेज आरोप लगाया है।