0 नीलामी में बैंक से मालिकाना हक प्राप्त किया, जोन कार्यालय पर परेशान करने का आरोप
कोरबा। करे कोई-भरे कोई की तर्ज पर नगर पालिक निगम, कोरबा के द्वारा शिव अग्रवाल की बकाया संपत्तिकर के एवज में कौशिल्या वैष्णव के अभिनंदन काम्प्लेक्स में स्थित भवन को सील कर दिया गया। इसे विधि विरुद्ध बताया गया है। उक्त संपत्ति में जिम भी शामिल है जिसमें ताला लगा दिए जाने से फिटनेस बनाने आने वालों की समस्या बढ़ने के साथ संचालक को भी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। सवाल है कि पूर्व् मालिक के बकाया से लेकर नीलामी तक की जानकारी तो निगम के जोन अफसर व निगम के राजस्व अधिकारी को रही होगी, फिर उन्होंने यह चूक क्यों की..?
श्रीमती कौशल्या देवी वैष्णव ने बताया कि अभिनंदन काम्प्लेक्स कोरबा वार्ड क्रमांक 11 में बैंक आफ बडौदा के द्वारा कलेक्टर कोरबा से अनुमति प्राप्त कर सम्पत्ति को बिक्री हेतु आक्सन(नीलामी) किया गया था जिंसे उनके द्वारा खसरा नं 579/3 में निर्मित 8 से 19 प्रथम व द्वितीय तल के दुकान को क्रय किया गया है। उसका रजिस्ट्री भी 11 सितंबर 2024 को विधि सम्मत उन्होंने कराया है। कब्ज़ा भी बैंक आफ बडौदा के अधिकारियो के द्वारा दिया गया। उन्होंने बताया कि वे शिव कुमार अग्रवाल के नाम के किसी व्यक्ति को नहीं जानती हैं लेकिन नगर निगम कोरबा के अधिकारी शिव कुमार अग्रवाल के बकाया राशि का नोटिस शिव कुमार अग्रवाल के नाम से जारी कर रहे हैं और कौशिल्या देवी से उसका संपत्तिकर बकाया राशि को मांग रहे हैं। इस तरह नोटिस किसी के नाम से और भुगतान किसी और से जमा कराना कहा का न्याय है। अर्थात नोटिस शिव कुमार के नाम पर और भुगतान कौशल्या देवी को देने की मांग करना न्याय हित में नहीं है। श्रीमती वैष्णव ने कहा है कि जोन कार्यालय के अधिकारी द्वारा आयुक्त को अंधेरे में रखा गया है। उन्होंने आयुक्त से दिनांक 11/04/2024 को निवेदन पत्र देकर अनुरोध किया है कि या तो मेरा (कौशल्या देवी ) संपत्ति कर बकाया है तो नोटिस मेरे नाम पर दिया जाये तब मैं राशि देने के लिए बाध्य रहूंगी अन्यथा यदि शिव कुमार अग्रवाल के नाम का नोटिस है तो उनसे या संबंधित बैंक से राशि वसूली किया जाये। मेरा भवन को सील किया जाना विधि विरुद्ध है। आयुक्त से अनुरोध किया गया है कि संपत्ति को कब्जामुक्त करते हुए भवन के लगाये गए सील को खुलवाया जाय। साथ ही कहा है कि प्रशासन न्याय हित में सही कार्यवाही कर भवन को कब्ज़ा मुक्त नहीं करता है तो प्रतिष्ठा धूमिल करने और व्यापार में नुकसान पहुंचाए जाने के कारण अधिकारियो के विरुद्ध कार्यवाही हेतु उच्च न्यायालय की शरण लूंगी। निगम के अधिकारी बेवजह परेशान करना बंद करें। बताया जा रहा है कि इस मामले के संज्ञान में आने पर महापौर श्रीमती संजूदेवी राजपूत के द्वारा निगम आयुक्त को आवश्यक राहत प्रदान करने निर्देशित किया है। निगम आयुक्त ने कहा है कि निगम क्षेत्र में परिसंम्पतियाँ स्थित होने से व टैक्स बकाया होने के कारण नियमतः सीलबन्दी की कार्रवाई की गई है। मामले में परीक्षण कराया जा रहा है,तथ्यों के आधार पर अग्रिम कार्रवाई सम्भव होगी।