कोरबा। जिले के पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड के मातिन ग्राम पंचायत में मजदूरों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। दरसल महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत कार्य कर रहे मजदूरों को आठ हफ्तों से मजदूरी का भुगतान नहीं मिला है। यह समस्या कोरबा जिले के पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड के मातिन ग्राम पंचायत में उत्पन्न हुई है, जहाँ 10 लाख रुपये से अधिक की राशि मजदूरों के खातों में नहीं पहुंची है। नियमानुसार, मस्टर रोल बंद होने के 15 दिनों के भीतर मजदूरी का भुगतान होना चाहिए, लेकिन वर्तमान में यह समय सीमा बहुत पीछे छूट चुकी है।
0 मजदूरी न मिलने से ग्रामीण परेशान
मजदूरी का भुगतान न होने से ग्रामीणों को अपने दैनिक जीवन की जरूरतें पूरी करने में कठिनाई हो रही है। खासकर गरीब परिवारों को राशन, दवाई, बच्चों की शिक्षा, और अन्य आवश्यक जरूरतों के लिए पैसे की कमी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि वर्तमान में विवाह का सीजन चल रहा है, लेकिन पैसे न मिलने के कारण वे शादी-ब्याह के खर्च भी नहीं उठा पा रहे हैं।
मातिन ग्राम पंचायत के निवासी कार्तिक राम ने बताया, “हम रोज काम करने आते हैं, लेकिन हमें हमारी मजदूरी नहीं मिल रही। बच्चों की स्कूल फीस भरनी थी, लेकिन अब उधारी लेकर काम चला रहे हैं। अगर यही हाल रहा तो हमें रोजगार के लिए गाँव छोड़ना पड़ेगा। भुगतान में देरी के कारण मजदूरों की संख्या धीरे-धीरे घट रही है। ग्रामीणों का कहना है कि मजदूरी समय पर न मिलने के कारण कई लोग काम छोड़ चुके हैं, जिससे गांव में रोजगार संकट बढ़ रहा है। कई मजदूर अन्य प्राइवेट नौकरियों की तलाश में पलायन कर रहे हैं, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था पर असर पड़ रहा है। एक अन्य मजदूर, परमिला यादव ने बताया, “हमारे परिवार में चार लोग मनरेगा के तहत काम करते हैं। लेकिन जब पैसे ही नहीं मिल रहे, तो हम और कितने दिन इंतजार करें? हमें अपने बच्चों का पेट पालना है, इसलिए अब हमें शहर जाना पड़ेगा।”