कोरबा-पाली। छेड़छाड़ कर अस्मत लूटने की कोशिश करने के मामले में न्यायालय विशेष न्यायाधीश ने आरोपी संदीप राव को 4 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा से दंडित किया है। प्रकरण में शासन की ओर से रमेश सिंह यादव, विशेष लोक अभियोजक ने पैरवी की।जानकारी के मुताबिक आरोपी रिपोर्ट दिनांक से पिछले तीन महीने से पीड़िता को परेशान करता था। पीड़िता जब भी घर से बाहर निकलती थी तो बुरी नीयत से उसका पीछा करता था तथा अश्लील इशारा कर रास्ता रोक कर बोलता था। वह लोक लाज के डर से किसी को नहीं बताती थी। घटना दिनांक 07 जुलाई 2023 को वह अपने घर से शाम 7:30 बजे सामान लेने के लिए दुकान जा रही थी तो सुनसान देखकर फुलवारीपारा चौक के पास आरोपी संदीप राव अपने हाथों से अश्लील इशारा करने लगा और रास्ता रोककर उसके हाथ को पकड़कर खींचने लगा और इज्जत लूटने का प्रयास किया। उसके चिल्लाने से आसपास के लोगों द्वारा देखने पर संदीप राव भाग गया। प्रार्थिया के लिखित आवेदन के आधार पर अभियुक्त संदीप राव के विरूद्ध थाना पाली में एफ.आई.आर दर्ज की जाकर विवेचना प्रारंभ की गई। विवेचना उपरांत पुलिस द्वारा न्यायालय में अंतिम प्रतिवेदन थाना अजाक कोरबा द्वारा अंतर्गत धारा 173 दप्रसं. प्रस्तुत किया गया। प्रकरण में विचारण उपरांत न्यायालय विशेष न्यायाधीश अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 कोरबा पीठासीन न्यायाधीश जयदीप गर्ग ने आरोपी संदीप राव पिता प्रहलाद राव उम्र 22 वर्ष ग्राम- फुलवारी पारा, थाना पाली को दोषसिद्ध पाते हुए कारावास और अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है। आरोपी को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 354 के तहत 04 वर्ष का कारावास,एक हजार रूपये अर्थदण्ड, भुगतान न करने पर 2 माह अतिरिक्त कारावास, भारतीय दण्ड संहिता की धारा 354 (क) में 03 वर्ष सश्रम कारावास, एक हजार रूपये अर्थदण्ड, भुगतान न करने पर 02 माह का अतिरिक्त कारावास, भारतीय दण्ड संहिता की धारा 354 (घ) में 03 वर्ष सश्रम कारावास, एक हजार रूपये अर्थदण्ड, भुगतान न करने पर 02 माह अतिरिक्त कारावास, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 की धारा 3(2) (ма) में 04 वर्ष सश्रम कारावास, एक हजार रूपये अर्थदण्ड, भुगतान न करने पर 2माह अतिरिक्त कारावास, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 की धारा 3(1) (ब) में 02 वर्ष सश्रम कारावास, एक हजार रूपये अर्थदण्ड, भुगतान न करने पर 02 माह का अतिरिक्त कारावास की सजा भुगताई जावेगी।उपरोक्त सभी कारावास की सजायें साथ-साथ चलेंगी।