0 2 साल में सरकार बदल गई लेकिन दबी फाइल नहीं खुली
कोरबा/जीपीएम-बिलासपुर-रायपुर। मरवाही वनमण्डल के वन परिक्षेत्र मरवाही में किये गये कार्यों में 1 करोड़ से अधिक की अनियमितता उजागर हुई है। दो साल पहले मुख्य वन संरक्षक, बिलासपुर वृत्त की जांच में एसडीओ संजय त्रिपाठी दोषी पाए गए हैं लेकिन उन पर कार्रवाई, निलम्बन, वसूली की फाइल राजधानी में दब गई है/दबा दी गई है।
मुख्य वन संरक्षक, बिलासपुर वृत्त द्वारा रोपणी प्रबंधन समिति चिचगोहना एवं नेचर कैम्प प्रबंधन समिति जामवन्त माडा गगनई (साल्हेकोटा परिसर) में किये गये कार्यों में अनियमितता की शिकायत पर जांच कराई गई। जांच समिति के प्रतिवेदन के आधार पर संजय त्रिपाठी, स.व.सं. तत्कालीन उप वन मंडलाधिकारी पेण्ड्रा, मरवाही वन मंडल पेण्ड्रारोड के पदस्थिति अवधि के दौरान मरवाही वन परिक्षेत्र में रोपणी प्रबंधन समिति चिचगोहना एवं नेचर कैम्प प्रबंधन समिति जामवंत माडा (साल्हेकोटा परिसर) में विभिन्न योजनाओं की शासकीय राशि को फर्जी समिति का गठन कर अवैधानिक समिति के खाते में शासकीय राशि जमा करने के फलस्वरूप आहरण एवं व्यय कर शासकीय राशि का वित्तीग दुरुपयोग एवं वन वित्तीय नियमों/भण्डार क्रय नियम का पालन नहीं किया गया। इनके द्वारा शासन की राशि 99 लाख 30 हजार 643 रुपये का अनियमित एवं अनुचित व्यय किया गया है। नेचर कैम्प गगनई अंतर्गत प्रचलित निविदा के अलावा भिन्न निविदाकार से सामग्री क्रय में बाजार दर से ज्यादा मूल्य में सामग्री क्रय करने से शासन को राशि रु 2 लाख 69 हजार 422 रुपये की हानि हुई है। इस प्रकार कुल लगभग 1 करोड़ 02 लाख का अनियमित व्यय आंकलित किया गया है, जो वसूली योग्य है।
उपरोक्तानुसार अर्थिक अनियमितता हेतु संजय त्रिपाठी, स.व.सं. तत्कालीन उप वन मंडलाधिकारी पेण्ड्रा, मरवाही वन मंडल पेण्ड्रारोड को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के उप नियम 9(1) (क) में निहित प्रावधान अंतर्गत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर, उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित है। तद्नुसार आवश्यक अग्रिम कार्यवाही किये जाने का प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख छत्तीसगढ़ (PCCF) के द्वारा 06 मार्च 2023 को प्रमुख सचिव,छग शासन, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, मंत्रालय, महानदी भवन, नवा रायपुर को पत्र लिखा गया था। कार्रवाई का यह अनुरोध शासन के सचिव स्तर पर आज दिनांक तक लंबित ही है।
0 अभी कटघोरा में बहा रहे भ्रष्टाचार की गंगा
कोरबा जिले के कटघोरा वन मंडल में पदस्थ एसडीओ विभिन्न मद के कार्यों में भ्रष्टाचार की गंगा जमकर बहा रहे हैं। पूछने पर वे कार्यों से लेकर भुगतान का सारा ठीकरा डीएफओ पर ठेल देते हैं, और खुद को अधिकार विहीन बताते हैं लेकिन वह भ्रष्टाचार में कितने माहिर हैं यह तो उनकी पुरानी करतूत से पता चलता है। जो एक बार भ्रष्टाचार करने का स्वाद चख लेता है, फिर वह कहीं भी पदस्थ रहे अपनी गफलतबाजी से बाज नहीं आता। यह अलग बात है कि उन्हें संरक्षण देने वाले चंद सफेदपोश अपनी ठेकेदारी चमकाने से लेकर वन भूमि पर काबिज होने की स्वार्थलिप्सा में उनकी करनी पर पर्दा डाले हुए हैं। कटघोरा वन मंडल में नए स्वीकृत किन्तु पुराने स्टाप डेम के निर्माण में जहां खेला कर रहे हैं वहीं सीसीएफ के द्वारा स्टाप डेमों के निर्माण के लिए पुनरीक्षित राशि की मांग किए जाने पर लाखों रुपए का गड़बड़झाला भी पकड़ा गया है। जिसमें एक गैर सूचीबद्ध स्टाप डेम भी शामिल है। वन क्षेत्र में कराए जाने वाले विभिन्न कार्यों से लेकर रोपणी, पौधारोपण में जमकर खेल डीएफओ-एसडीओ के इशारे पर उनके चाहते रेंजर और डिप्टी रेंजरों के द्वारा किया व कराया जा रहा है।
