0 किसी का नाम फंसा देने की चलती हवा के बीच पुलिस तकनीकी आधार पर कर रही मजबूत विवेचना
0 इधर रोशन का परिवार आया सामने, बताई राजनीतिक साजिश,देखें वीडियो में बयान
कोरबा। कोरबा जिले के पाली थाना क्षेत्र अंतर्गत SECL की कोरबा परियोजना के सरायपाली खदान में पिछले दिनों हुए गैंगवार और दो गुटों के बीच हिंसक झड़प में एक गुट के ट्रांसपोर्टर रोहित जायसवाल की मौत हो गई। पुलिस ने तत्काल ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए गिरफ्तारियाँ की तो कई ने कटघोरा व दीपका थाना में सरेंडर किया। पाली के बिगड़ते माहौल को जिला पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी के मार्गदर्शन में त्वरित कार्रवाई करते हुए संभालने का काम किया गया। उन्होंने यहां थाना प्रभारी के तौर पर निरीक्षक युवराज तिवारी को पदस्थ किया है। पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन में पूरी विवेचना मामले की गहराई तक जाकर की जा रही है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि पूरे घटनाक्रम के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जो भी जिम्मेदार होंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
पाली की हवा जो कोयला की लड़ाई में खराब हो चुकी है, वह भविष्य में कब किस रूप में जाकर थमेगी, इसे तो नहीं कहा जा सकता लेकिन दो गुटों की लड़ाई में पाली की जनता जरूर हलकान हो रही है। अमन पसंद जनता को इन विवादों से कोई लेना-देना नहीं लेकिन उनके मन में भी एक अनजाना-सा डर हर वक्त कायम होने लगा है कि कब हवा खराब हो जाए, कब कोई वाद-विवाद हो जाए, कब दो गुटों की लड़ाई में शहर की शांत फिजा में जहर घुल जाए? कई लोगों के मन में इस बात की भी आशंका प्रबल हो गई है कि एक-दूसरे को निपटाने का रूप ले रहे इस मामले में उनका कोई अपना भी इस विवाद में बेवजह नामजद न हो जाए। इस तरह के गुटीय विवादों में अक्सर साथ रहने वाले भी घसीट दिए जाते हैं। पुलिस तो शिकायत के आधार पर आरोपी बनाकर मामला दर्ज कर लेती है लेकिन जांच होने,बेकसूर साबित होने तक तो उसकी साख पर बट्टा लग चुका होता है। क्या अभी के हालात कुछ इसी तरफ दोनों पक्ष के लिए इशारा कर रहे हैं, यह समझने वाली बात है।
0 कोयला की प्रतिस्पर्धा लेने लगी राजनीतिक रंग
कोयला खदान में कामकाज करने को लेकर उपजे विवाद से बिगड़ते माहौल के बीच अब इसने राजनीतिक रंग लेना शुरू कर दिया है। कोयला लेवी वसूली को लेकर जहां एक तरफ भाजपा ने कांग्रेस को घेरा वहीं अब प्रति टन 50 रुपये वसूली को लेकर कांग्रेस ने हत्या की जांच पर जहां अपनी जांच कमेटी गठित कर दी है तो दूसरी तरफ भाजपा इस मामले में टारगेट पर आ गई है। अब यह कहना गलत नहीं होगा कि पाली में भाजपा की राजनीति दो गुटों में तब्दील होने लगी है। घटनाक्रम के तार बीते लोकसभा चुनाव में सांसद प्रत्याशी चयन के बाद से बनते- बिगड़ते राजनीतिक हालात से भी जुड़ने लगे हैं। रोशन सिंह के परिजनों ने इस पूरे मामले को राजनीतिक साजिश बताया है। इन्होंने घटना से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं होने और मौजूदगी न होने के बाद भी आरोपी बनाए जाने पर सवाल उठाते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है।
दूसरी तरफ घटना दिनांक के दिन आक्रोश में की गई तोड़फोड़, आगजनी की घटनाओं को लेकर दूसरे पक्ष के कुछ लोगों के विरुद्ध भी थाने में अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया है। हालांकि इस पक्ष के कुछ लोगों ने कहा है कि उनकी मौजूदगी उन घटनाओं में कहीं भी नहीं रही, जिनका उन पर आरोप लगाया जा रहा है। वे भी पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग पुलिस से कर रहे हैं।